सामाजिक परिवर्तन लियें अमेठी एवं रायबरेली में आरटीआई प्रशिक्षण शिविर चलाएंगे आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद

GopalPrasadआई एन वी सी ,
लखनऊ,

योजक एवं दिल्ली के आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद  ने 11अप्रैल,2013 से आगामी लोकसभा चुनाव तक अमेठी एवं रायबरेली के विभिन्न इलाकों में आरटीआई के श्रृंखलावद्ध  प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की घोषणा की है. उनका कहना है की भ्रष्टाचार आज चरम सीमा पर पहुँच चुका है. देश एवं प्रदेश की विभिन्न जाँच एजेंसियां राजनैतिक गुलामी की शिकार है. पारदर्शिता की उपेक्षा एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठानेवालों के साथ बदसलूकी की जा रही है, धमकी दी जा रही है तथा उनकी  हत्या  भी की जा  रही है.
वास्तव में देश के नागरिकों को अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्ति मिल चुकी है , पर उसके बाद भी हमें वास्तविक रूप से आजादी नहीं मिल पाई है. आज भ्रष्ट व्यवस्था की गुलामी में हमलोग जी रहें हैं . देश के कुछ औद्योगिक घराने तो राजनीतिज्ञों एवं अफसरशाहों को भ्रष्ट बनाने में घोर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं . देश की समस्याएं बढ़ती ही जा रही है परन्तु उसका समाधान प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वालों के पास भी नहीं है.
खास बात यह है कि देश की अधिकांश जनता को उसके मूल अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी ही नहीं है. जानकारी के आभाव में जनता बेवसी की स्थिति में है. इसीलिये कोई भी जनक्रांति आज सफल नहीं हो पारहा है. जब तक जनता को उसके अधिकार , कर्तव्य , समस्या एवं समाधान के प्रति जागरूक नहीं किया जायेगा, तब तक स्थिति में परिवर्तन हो ही नहीं सकता है. इन्हीं महत्वपूर्ण बातों  को ध्यान में रखकर हमारी संस्था एवं अन्य  संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं के सहयोग से हमने जनजागरूकता अभियान की शुरूआत करने का निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत जनता को प्राप्त संवैधानिक मौलिक अधिकार, उसके कर्तव्य , समस्या व समाधान  तथा जनता को प्राप्त एकमात्र त्वरित एवं परभी कानून (आरटीआई) के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी देकर उन्हीं के माध्यम से आरटीआई फ़ाइल करवाने की शुरुआत की जायेगी . घोषणाओं, वादों एवं दावों की हकीकत जानने का प्रयास किया जायेगा.
संस्था से जुड़े आधे सहयोगी “प्रबोधन रिसर्च ग्रुप, मुंबई “के निर्देशन में सर्वेक्षण का कार्य करेगी तथा आधे सहयोगी आरटीआई प्रशिक्षण के माध्यम से अमेठी एवं रायबरेली के विभिन्न इलाकों में आरटीआई प्रशिक्षकों को तैयार करेगॆ. इस प्रकार सुदूर इलाके तक आरटीआई आन्दोलन की जड़ें मजबूत हो पायेगी तथा आम जनता की जागरूकता से खामोशी टूटेगी . जब खामोशी टूटेगी तभी भ्रष्ट व्यवस्था में बेचैनी होगी और धीरे -धीरे सामाजिक परिवर्तन संभव हो सकेगा.
भ्रष्टाचार , मंहगाई , भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी , अशिक्षा एवं कुपोषण पर फोकस करते हुए विभिन्न इलाकों में जनचेतना लेन के उद्देश्य से पोस्टर, हैंडबिल , स्टीकर, डाक्युमेंट्री  को माध्यम बनाया जायेगा. धरना, प्रदर्शन , विचार गोष्ठी के माध्यम से इस कार्य को गतिशील बनाने की दिशा में संवाद व समन्वय की प्रक्रिया जारी है. देश में बड़े पैमाने पर व्याप्त सामजिक व आर्थिक विषमता के मौजूदा वातावरण की छानबीन हेतु भी आरटीआई  का उपयोग किया जा सकता है . विशेषकर छात्रों, युवाओं,शोषितों, पीड़ितों के सामूहिक शक्ति की बुनियाद पर सम्पूर्ण क्रांति का आगाज नए सिरे से करने का दृढ़  संकल्प हमलोगों ने किया है.
गड्वारा (प्रतापगढ़) के पूर्व विधायक बृजेश  मिश्र सौरभ  के सानिध्य में  इस आन्दोलन को एक्सूत्रित करने एवं प्रभावी बनाने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता मिल रही है. आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद ने कहा की बिहार के मुजफ्फरपुर में रामकुमार ठाकुर नामक आरटीआई कार्यकर्त्ता एवं मनरेगा वाच नामक संस्था के संचालक की हत्या के कारण उन्होंने इस बार होली नहीं खेली, साथ ही उन्होंने अपना जन्मदिवस(10 अप्रैल) को शोक दिवस के रूप में मनाया.  भारतीय नव वर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत 2070) के अवसर पर उन्होंने अमेठी से  आरटीआई क्रांति का शंखनाद करने का निश्चय किया है।

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