ज़ाकिर हुसैन
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता लालकृष्ण प्रधानमंत्री पद के लायक़ नहीं हैं. प्रधानमंत्री ने कल नई दिल्ली में सार्जवनिक पर बहस की आडवाणी की चुनौती को ठुकराते हुए कहा कि वो आडवाणी को ऐसा कोई मौक़ा नहीं देना चाहते, जिससे आडवाणी खुद को वैकल्पिक प्रधानमंत्री समझें. उन्होंने कहा कि वे ज़्यादा सक्षम प्रधानमंत्री हैं और वे ज़्यादा मज़बूत नेता हैं. उन्होंने देशहित में कई सक्षम फ़ैसले लिए हैं, जबकि आडवाणी ने गृह मंत्री रहते हुए क्या किया सभी जानते हैं.
प्रधानमंत्री ने आडवाणी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आडवाणी जी का क्या रिकॉर्ड है? उन्होंने सुरक्षा के मोर्चे पर आडवाणी की नाकामियां गिनवाईं. उन्होंने बाबरी मस्जिद से लेकर आईएसआई के बारे में श्वेत-पत्र जारी करने में आडवाणी की नाकामी, कंधार विमान अपहरण कांड में आतंकवादियों को छोड़ने, गुजरात में एक धर्म विशेष के लोगों का क़त्ले-आम और संसद पर हमले आदि घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब देश की जनता ही खुद फ़ैसला करे कि कमज़ोर कौन है?
उन्होंने कहा कि भाजपा ने संसद नहीं चलने दी. भाजपा हमेशा संसद में बहस करने से बचती रही है और अब आडवाणी सार्जवनिक पर बहस की बात करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि बातों से कुछ नहीं होता आप के काम से ही पता चलता हैं कि आप कितने मज़बूत हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के बारे में देर से ही सही, पर कांग्रेस ने उचित फ़ैसला लेकर यह साबित कर दिया कि कांग्रेस सिख समुदाय की भावना का सम्मान करती है.
मनमोहन सिंह का ज़ोर इस बात ज़्यादा रहा कि वो ज़्यादा सक्षम प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार आया है. उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर साढ़े तीन फ़ीसदी रही, जबकि विकास के दावे करने वाली एनडीए के शासनकाल में यह महज़ आधा फ़ीसदी ही थी. उन्होंने परमाणु क़रार को यूपीए सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा कि अगर इस मामले में वो नाकाम रहते तो वो इस्तीफ़ा दे देते.
आडवाणी के बयान- ”संसद तक पहुँचने के लिए मनमोहन सिंह को राज्यसभा के बजाय लोकसभा में चुनाव लड़ना चाहिए” पर मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर आडवाणी जी यह चाहते हैं कि वो लोकसभा से प्रधानमंत्री बनें तो इसके लिए उन्हें भारतीय संविधान में संशोधन करना होगा और उसके लिए उनको इंतज़ार करना पड़ेगा. गौरतलब है कि आडवाणी ने कांग्रेस की मनमोहन सिंह को चुनावों में पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करने की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि संसद तक पहुंचने के लिए मनमोहन सिंह को राज्यसभा के बजाय लोकसभा में चुनाव लड़ना चाहिए. राज्यसभा से कई प्रधानमंत्री बनने का ज़िक्र करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी, एचडी देवेगोड़ा और इंद्रकुमार गुजराल भी राज्यसभा से सांसद रहे हैं.