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जयपुर — : भारत के जयपुर में स्थित पर्यावरण और गौसंवर्धन पर काम करने वाली अग्रणी संस्था गौमाया ने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को और सशक्त करते हुए अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था YOGSVR (योग विज्ञान एवं वैदिक अनुसंधान संस्था, मैरीलैंड) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया है। इस साझेदारी के तहत अमेरिका और उत्तर अमेरिका में गौ उत्पादों के अनुसंधान, विकास और विपणन को गति दी जाएगी।
YOGSVR के संस्थापक राधा रमण दास ने कहा कि उनकी संस्था वैदिक ज्ञान, भारतीय संस्कृति और गौ संरक्षण के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि गौमाया द्वारा विकसित तकनीकी और शोध-आधारित जानकारी को अमेरिका और अन्य देशों में अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे गौ आधारित अर्थव्यवस्था और जीवनशैली को बढ़ावा मिल सकेगा।
गौमाया की वैश्विक पहल को मिलेगी नई उड़ान
गौमाया के संस्थापक डॉ. सीताराम गुप्ता ने MoU के अवसर पर कहा कि संस्था पिछले कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण, गौसंवर्धन और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि YOGSVR जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था के साथ यह साझेदारी वैश्विक मंच पर भारत की गौ परंपरा को स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।
समझौता-पत्र YOGSVR के ग्लोबल चीफ एडवाइजर डॉ. पी.एम. भारद्वाज (प्रख्यात मोटिवेशनल स्पीकर और मैनेजमेंट गुरु) के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर गौमाया के को-फाउंडर योगेश मित्तल ने बताया कि संस्था भारत में अंतिम संस्कार के दौरान उत्सर्जित होने वाली लगभग 90 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड को नेट जीरो करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
स्वस्थ समाज और गौ आधारित जीवनशैली का लक्ष्य
गौमाया के को-फाउंडर राजा मुकीम ने भी बताया कि आने वाले समय में गौ माता के संरक्षण से जुड़े कार्यक्रमों को और अधिक गति दी जाएगी, ताकि देश और विदेश में जन-जन को प्राकृतिक स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया जा सके।