भारतीय महिला वैज्ञानिक संगठन एवं भारद्वाज फाउंडेशन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं उसके मानवीय अनुप्रयोग पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार

AI के भविष्य पर विशेषज्ञों की चर्चा – जानें कैसे भारद्वाज फाउंडेशन इस क्रांति का नेतृत्व कर रहा है
AI के भविष्य पर विशेषज्ञों की चर्चा – जानें कैसे भारद्वाज फाउंडेशन इस क्रांति का नेतृत्व कर रहा है

जयपुर: भारद्वाज फाउंडेशन, जयपुर और भारतीय महिला वैज्ञानिक संगठन (IWSA) के संयुक्त ग्रुप WISER ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दो सप्ताह का ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें छात्रों, प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों, पेशेवरों और उद्यमियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अजय डाटा, प्रबंध निदेशक, डाटा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े डिजिटल डिप्लोमेट व स्वच्छ भारत अभियान के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर डॉ. डी.पी. शर्मा थे।

कंप्यूटर वैज्ञानिक एवं डिजिटल डिप्लोमेट डॉ शर्मा ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा उत्पन्न अवसरों के साथ मानव जाति को संतुलित करने की आवश्यकता है। क्योंकि कोई भी टेक्नोलॉजी अपने विकास के साथ विकार को भी लेकर आती है और यही विकार एथिकल, जिम्मेदार एवं मानवीय सीमाओं को तोड़कर यदि बाहर निकलते हैं तो मनुष्य जाति के लिए खतरनाक हो जाते हैं। हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार, नैतिक एवं मानवीय धारणाओं और नियमों के तहत ही इस्तेमाल करना होगा तभी यह मनुष्य जाति के लिए वरदान साबित होगा वरना यह अभिशाप भी बन सकता है।

डॉ डाटा ने कहा कि की कंप्यूटर के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जो परिवर्तन का दौर शुरू हुआ है उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कार्य करने की क्षमता और कार्य कुशलता के साथ कार्य की गति को भी एक नई दिशा प्रदान की है।

सरकार की चार राजकीय कंपनियों के एमडी, सीएमडी रहे डॉ पीएम भारद्वाज ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एक नए युग का सूत्रपात हुआ है जिसमें युवाओं को सक्रियता से भाग लेकर भारत को विकसित भारत एवं सोने की चिड़िया बनाने के लिए भरसक प्रयास करना होगा ।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. पी.एम. भारद्वाज, संस्थापक अध्यक्ष, भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर, ने वक्ताओं के परिचय से की।
उन्होंने बताया कि DeepSeek Development के बाद IWSA प्रेसिडेंट शामला भारद्वाज और उनकी टीम से चर्चा कर WISER ग्रुप का गठन किया गया जिसका उद्देश्य छात्र एवं शिक्षकों को नई टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने के लिए प्रेरित करना तय किया गया।
इस पहल के तहत इंजीनियरिंग छात्रों के लिए दो सप्ताह का निशुल्क ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 103 छात्रों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के ट्रेनर श्री सुधीर गुप्ता , जो कि अमेरिका बहुराष्ट्रीय कंपनी के पूर्व डायरेक्टर ने नैनो R1 चैलेंज प्रोग्राम की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 27 छात्रों ने DeepSeek R1 मॉडल के नैनो संस्करण को सफलतापूर्वक विकसित कर अपलोड किया।

अंत में, डॉ. एस.एन. विजयवर्गीय, सीईओ, जीनस ओवरसीज, ने मुख्य वक्ता डॉ अजय डाटा, डॉ डीपी शर्मा एवं डॉ सीमा पुरोहित का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को प्रतिभागियों से अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

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