हरियाणा साहित्यिक परंपरा का गौरवशाली इतिहास रहा है : भूपेन्द्र सिंह हुड्डा

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bhupinder singh hoodaसंजय राय,,
आई.एन.वी.सी,,
हरियाणा,,
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रदेश की रचनाशीलता को अलंकृत करने के लिए प्रति वर्ष साहित्यकार सम्मान योजना कार्यान्वित की जा रही है। अकादमी के अध्यक्ष हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अकादमी के वर्ष 2012 के साहित्यकार सम्मानों की घोषणा करते हुए बताया कि हरियाणा प्रदेश की साहित्यिक परंपरा का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह परंपरा महर्षि वेद व्यास से आरंभ होकर महर्षि मारकण्डेय, संतकवि सूरदास, हाली पानीपती, पं. लखमीचंद से होती हुई समकालीन रचनाशीलता तक पहुँचती है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के अन्तर्गत खेलों के साथ-साथ साहित्य व कला के प्रोत्साहन के लिए भी अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश में संस्कृति व इतिहास अकादमी की स्थापना की गई है। सभी अकादमियों के लिए पंचकूला में अकादमी भवन का निर्माण किया गया है। अकादमी के सम्मानों की संख्या के साथ-साथ सम्मान राशि को भी दो से तीन गुणा तक बढ़ाया गया है। इसी प्रकार अकादमियों की बजट राशि में भी दस गुणा तक की वृद्घि की गई है। वर्ष 2012 के लिए साहित्यकार सम्मान योजना के परिणामों मेंः

क्रमांकपुरस्कार/सम्मान का नामसाहित्यकार का नामसक्वमान राशि
1.पंडित माधव प्रसाद मिश्र सक्वमान

(हिन्दी/हरियाणवी भाषा के साहित्यकार)

 

डॉ. पूर्ण चन्द शर्मा, रोहतक

 

2.50 लाख रुपये
2.महाकवि सूरदाससम्मान

(हिन्दी/हरियाणवी के साहित्यकार)

 

डॉ. राजबीर सिंह धनखड़,

रोहतक

 

1.50 लाख रुपये
3.बाबू बालमुकुन्द गुप्तसम्मान

(हिन्दी साहित्य)

 

श्री मधुकांत, साँपला1.00 लाख रुपये
4.लाला देशबन्धु गुप्तसम्मान

(साहित्य पत्रकारिता)

श्री अरूण नैथानी,

चंडीगढ़

1.00 लाख रुपये
5.पं. लखमीचन्द सम्मान

(हरियाणा की कला, संस्कृति, इतिहास, लोक साहित्य)

 

श्री सुमेर चन्द,

सोनीपत

1.00 लाख रुपये
6.जनकवि मेहर सिंहसम्मान

(हरियाणा की कला, संस्कृति, इतिहास लोक साहित्य एवं हरियाणवी भाषा में विशेष योगदान)

डॉ. विश्वबंधु शर्मा,

भिवानी

 

1.00 लाख रुपये
7.आदित्य अल्हड़ हास्यसम्मान

(हिन्दी/हरियाणवी के रचनाकार)

 

श्री जैमिनी हरियाणवी,

दिल्ली

 

 

1.00 लाख रुपये
8.श्रेष्ठ महिला रचनाकारसम्मान

(हिन्दी/हरियाणवी की रचनाकार)

श्रीमती कमल कपूर,

फरीदाबाद

 

1.00 लाख रुपये
  9. विशेष साहित्य सेवी सम्मान

1. श्री मदन साहनी, गुड़गांव         2. डॉ. बलदेव राज शांत, फरीदाबाद       3. श्री तेजेन्द्र शर्मा, फरीदाबाद                                                    

 

4. श्री धर्मपाल, सोनीपत           5. डॉ. के. के. रत्तू, चंडीगढ़            6. श्री सुरेन्द्र बांसल, चंडीगढ़

अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार खंडेलवाल, अतिरिकत प्रधान सचिव मुख्यमंत्री , हरियाणा एवं प्रधान सचिव, सूचना, जनसंपर्क व सांस्कृतिक कार्य विभाग ने बताया कि साहित्यकार सम्मान योजना के अंतर्गत अब तक 116 साहित्यकारों को अकादमी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है तथा अकादमी द्वारा 2012 वर्ष के लिए 14 साहित्यकारों को सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने सभी चयनित साहित्यकारों को बधाई देते हुए बताया कि वर्ष 2012 के लिए उच्च स्तरीय समिति द्वारा आजीवन साहित्य सम्मान तथा हरियाणा गौरव सम्मान के लिए कोई अनुशंसा नहीं की गई।  अकादमी निदेशक डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’ ने बताया कि अकादमी के द्वारा अंग्रेजी भाषा में सृजनात्मक लेखन के प्रोत्साहित करने के लिए अकादमी पत्रिका हरिगंधा में अंग्रेजी अनुभाग प्रारंभ किया गया है तथा वर्ष 2013 से अंग्रेजी भाषा की गद्य एक पद्य विधाओं के अन्तर्गत एक पुस्तक को 21000/- रुपये  की राशि वाला श्रेष्ठ कृति पुरस्कार भी आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज के अर्थप्रदान समय में श्रेष्ठ साहित्य के प्रचार प्रसार एवं युवा पीढ़ी को सुरुचि सम्पन्न बनाने के लिए इस वर्ष से अकादमी द्वारा राष्ट्रीय एव राज्य स्तर पर क्रमशः राष्ट्रीय पाठक शिरोमणि पुरस्कार एवं राज्य पाठक शिरोमणि पुरस्कार भी आरंभ कर रही है जिसकी राशि 11000/-, 11000/ रुपये होगी। राज्य पर युवाओं के लिए कॉलेज  तथा विद्यालय स्तर पर 2 पाठक श्री पुरस्कार भी आरंभ किए जा रहे है जिनकी पुरस्कार राशि क्रमशः 5000 रूपए तथा 4000 रुपये होगी। सम्मानित साहित्यकारों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार से हैः

1. पंडित माधव प्रसाद मिश्र सम्मान ः डॉ. पूर्णचंद शर्मा, रोहतकहरियाणा के लोकसाहित्य व संस्कृति के मर्मज्ञ विद्वान डॉ. पूर्णचंद शर्मा का जन्म 01-12-1946 का गांव किरोड़ी, ज़िला हिसार में एक मध्य वर्गीय परिवार में हुआ। आप हिन्दी विभाग, महर्षिदयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से प्रोफेसर के पद से सेवानिवृ॔ा हुए हैं। आपको हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2000 में पं. लखमीचंद सक्वमान भी प्रदान किया गया था। डॉ. पूर्णचंद शर्मा की अब तक 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 3 पुस्तकें अकादमी द्वारा पुरस्कृत हैं। डॉ. पूर्णचंद शर्मा को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दो बार बृहत शोध परियोजनाओं का कार्य सौंपा गया है जिनमें हरियाणवी और पंजाबी लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन पर कार्य सक्वपन्न हो चुका है। चर्चित कृतियां ः हरियाणा की लोकधर्मी नाट्य परक्वपरा, लोक-संस्कृति के क्षितिज, हरियाणवी साहित्य और संस्कृति, पं. लखमीचंद ग्रंथावली, लोकगीतों की अस्मिता, माटी का सरगम। सक्वप्रति ः 756/35 जनता कालोनी, रोहतक।

2. महाकवि सूरदास सम्मान ः डॉ. राजबीर सिंह धनखड़, रोहतकडॉ. राजबीर सिंह धनखड़ का जन्म 23 मई, 1956 को गांव खुबडू ज़िला सोनीपत में हुआ। इनकी शैक्षणिक योग्यता एम.ए. (हिन्दी व ग्रामीण विकास) पी-एच.डी. हिन्दी तथा उूर्द में प्रमाण पत्र है। इनकी अब तक विभिन्न विधाओं में 20 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं इनकी प्रथम पुस्तक बिन्धया सो मोती तथा चाह चौधर भी हरियाणा साहित्य अकादमी के द्वारा पुरस्कृत है। उनके रचनाकर्म पर लघुशोध व शोध कार्य सक्वपन्न हो चुका है। इन्हें वर्ष 2005-2006 में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा ‘पंडित लखमीचंद सक्वमान’ से सक्वमानित किया जा चुका है। चर्चित पुस्तकें ः बिन्धया सो मोती (पुरस्कृत), 99 का चञ्चकर, सरंपचणी, स्याणपत, पं. लखमीचन्द के काव्य में रस निरुपण हरियाणवी साहित्य का इतिहास, चाल जमाने की, किस्मत का खेल, चाह चौधर की (पुरस्कृत), चञ्चका चौंध, भूल का थप्पड़। सक्वप्रति ः मकान न. 1897, नई हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, सेञ्चटर-1, रोहतक-124001

3. बाबू बाल मुकुंद गुप्त सम्मान ः श्री मधुकांत, साँपलाबहुआयामी प्रतिभा के धनी शिक्षाविद् एवं पत्रकार श्री मधुकांत का जन्म 11-10-1949 को सांपला (रोहतक) में हुआ है। आप अर्थशास्त्र में स्नातको॔ार हैं। श्री मधुकांत जी अब तक विभिन्न विधाओं में 40 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें 7 कहानी संग्रह, 3 उपन्यास, 6 लघुकथा संग्रह, 5 नाटक, 2 कविता संग्रह व 9 बाल साहित्य विषम पुस्तकें सक्विमलित हैं। अकादमी द्वारा आपकी अब तक 5 पुस्तकें पुरस्कृत हो चुकी हैं। चर्चित रचनाएं ः गांव की ओर, लौटने तक, एक टुकड़ा रोटी, बी.सी.आर. बीमार है, द्ब्रलैक बोर्ड, द्ब्रलड़ बैंक, कन्या भू्रण हत्या का शाप, तरकश। सक्वप्रति ः संपादक प्रज्ञालु, सांपला, रोहतक।

4. लाला देशबंधु गुप्त सम्मान ः श्री अरुण नैथानी, चंड़ीगढ़बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री अरुण नैथानी का जन्म 01 जनवरी, 1966 को हुआ। आप अर्थशास्त्र, इतिहास, हिन्दी तथा जनसंचार में स्नातको॔ार शिक्षा प्राप्त हैं। श्री अरुण नथानी वर्ष 2009 से दैनिक ट्रिद्ब्रयून में संपादकीय लेखन से संयुञ्चत हैं तथा संपादकीय पृष्ठ का संपादन कर रहे हैं। श्री नथानी गत 25 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े हैं। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में अब तक 1000 से अधिक लेख/फीचर/साक्षात्कार/न्यूज फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी आकाशवाणी के केन्द्रों से सामाजिक विषयों पर वार्ताएं तथा बी.बी.सी. से कई टिप्पणियां प्रसारित। नेशनल डिफेंस सर्विस प्रशिक्षण सक्वमान। मानवाधिकारों पर लेखन हेतु वर्ष 1998 में बनारस में सक्वमानित। बाल श्रम लेखन पर 1998 में सक्वमान। रीजनल पत्रकार संघ, हापुड़ द्वारा सक्वमानित। सक्वप्रति ः 235, सेञ्चटर-32ए, चंडीगढ़।

5. पंडित लखमीचंद सम्मान ः श्री सुमेर चन्द, सोनीपतश्री सुमेर चन्द का जन्म 07 जून, 1933 को गोहाना ज़िला सोनीपत में हुआ। हरियाणा के लोकजीवन, संस्कृति एवं अन्य विधाओं पर इनकी कुल 27 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी मर गया जयहिंद (नाटक) तथा दो रुपिया (उपन्यास) पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हैं। चर्चित पुस्तकें ः क्वहारे रीति-रिवाज, क्वहारी दादी परदादी आलै गीत, क्वहारे मेले ठेले, होञ्चकै पै सूणी, हरियाणा तन्नै दिखाऊँ, क्वहारी दादी नानी आली काहणी, क्वहारे कड़कै किस्सै, प्रजातन्त्र हनन्त्र (पुरस्कृत) मर गया जयहिन्द (पुरस्कृत) दो रुपिया (पुरस्कृत) आओ पर्यावरण बचाएं, एन्टी सोसल अंग्रेजी, स्लीपिंग गौड अंग्रेजी। सक्वप्रति ः बी-1 इन्डस्ट्रियल एस्टेट, सोनीपत।

6. जनकवि मेहर सिंह सम्मान ः डॉ. विश्वबन्धु शर्मा, भिवानीडॉ. विश्वबन्धु शर्मा का जन्म 2 सितक्वबर, 1953 को गांव पुर तहसील बवानी खेड़ा, ज़िला भिवानी में हुआ। वर्तमान समय में आप वैश्य कॉलेज, रोहतक में एसोसिएट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) के रूप में कार्यर॔ा हैं। इनकी हिन्दी और हरियाणवी भाषा में कुल 20 पुस्तकें प्रकाशित हैं।चर्चित पुस्तकें ः साठो॔ारी हिन्दी कविता, साठो॔ार हिन्दी महाकाव्यों में पात्र कल्पना, हिन्दी के चार महाकाव्य, काहै कबीरा भया कबीर जामदग्नेय, हरियाणा की लोक कलाएँ, आपणा मरण जगत की हाँसी (पुरस्कृत) चासणीए भारत का सूरज ः सूरजमल, दुर्गा चरित, कोरी हाँडी, दीवानों का मसीहा। सक्वप्रति ः डॉ. शर्मा प्लाट नं. 97-98, नेहरू कॉलोनी रोहतक में रह रहे हैं।

7. आदित्य-अल्हड़ हास्य सम्मान ः श्री जैमिनी हरियाणवी, दिल्लीश्री जैमिनी हरियाणवी का जन्म जन्माष्टमी 5 सितक्वबर, 1931 को गांव बादली ज़िला झज्जर हरियाणा में हुआ। जैमिनी हरियाणवी हिन्दी काव्य मंचों का यशस्वी नाम है। आपकी भाषा हरियाणवी और शैली ऐसी मनोरंजक, सहज एवं सरल के साथ-साथ विलक्षण भी है। पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से देश-विदेश के हज़ारों कवि सक्वमेलनों में आपकी कविताओं ने धूम मचाई है। श्री जैमिनी हरियाणवी सरस्वती सक्वमान, ठिठोली और काका हाथ रस्सी हास्य रत्न सक्वमान, टेपा सक्वमान, हरियाणा गौरव आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है। चर्चित कृतियां ः इंकलाप (कहानी संग्रह), वंस मोर, नीम का पेड़, कसम है आजादी की (गीत ़गज़ल), गीत फैशनी गाओ (हरियाणवी हास्य व्यंग्य, हंसाए जा प्यारे, हास्य व्यंग्य कविताएं), हम नन्हें मुन्ने सरदार (बाल गीत संग्रह) सक्वप्रति ः आप दिल्ली में रहकर साहित्य साधना र॔ा हैं।

8. श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान ः श्रीमती कमल कपूर, फरीदाबादकथाकार श्रीमती कमल कपूर का जन्म 2 मई 1959 को कोटा राजस्थान में हुआ। श्रीमती कमल कपूर के अब तक 6 कहानी संग्रह, 2 कविता संग्रह एवं एक बालगीत संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। श्रीमती कमल कपूर के 3 कहानी संग्रह अकादमी द्वारा श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से पुरस्कृत हैं। श्रीमती कमल कपूर सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार, भारती भूषण सक्वमान (2005) अमृता प्रितम शिखर सक्वमान सहित अनेक पुरस्कारों से अलंकृत हैं। चर्चित कृतियां ः छांव, अक्वमा का चश्मा, आस्था के फूल, गुलमोहर हंस उठे, रिश्तों के रंग, नीम अब भी हरा है, झिलमिल तारे। सक्वप्रति ः 2144 सेञ्चटर-9, फरीदाबाद।

9. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः श्री मदन साहनी, गुड़गांवहिन्दी साहित्य के प्रसिद्घ लेखक श्री मदन साहनी का जन्म 2 फरवरी, 1949 को हुआ। इनकी प्रकाशित कृतियां पगड़ंडि़ंया (काव्य संग्रह) तथा अपनों की नज़र में मदन साहनी हैं। इनके अतिरिञ्चत आप द्वारा 4 पुस्तकों का संपादित किया गया है आपको कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सक्वमानित किया जा चुका है। आप वर्ष 1981 से 1994 तक हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सक्वमेलन से मन्त्री के रूप में तथा तत्पश्चात सुरुचि साहित्य कला परिवार समिति (पंजी) से महासचिव के रूप में सक्वबद्घ हैं। सक्वप्रति ः मकान नं. 240, सेञ्चटर-4, गुड़गांव।

10. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः डॉ. बलदेव राज शांत, फरीदाबादवयोवृद्घ शिक्षाविद् एवं साहित्य मनीषी आचार्य बलदेव राज शांत का जन्म 4 जून, 1941 को कलूर कोट (मियांवाली पश्चिमी पाकिस्तान) में हुआ। प्रारक्विभक शिक्षा मोहना गांव फरीदाबाद में हुई। आपने एम.ए. (हिन्दी, संस्कृत) व्याकरणाचार्य, साहित्याचार्य, काव्यतीर्थ, पी-एच.डी आदि उपाधियां प्राप्त की। डॉ. बलदेव राज शांत की विभिन्न विधाओं में लगभग 60 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें वंदना के गीत, नीरज शतक, आस्था के स्वर, वाणी-विलास, चितंन के क्षण, शद्ब्रद विवेक, चेतना के स्वर, कबीर उवाच, काव्य माधुरी, संस्कृत साहित्य, गहरे पानी पैठ, मेरे मुञ्चतक, वेदना के स्वर, निगम शतक, अनुभूति के दंश, निबंध-निकुंज आदि चर्चित कृतियां हैं। वर्तमान समय में एम.फिल और पी-एच.डी. के शोधार्थियों के निर्देशक के दायित्व का पालन करने में व्यस्त हैं। सक्वप्रति ः मकान नं. 194, मोहना रोड़, बल्लबगढ़ (हरियाणा) में रह रहे हैं।

11. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः श्री धर्मपाल, सोनीपतधर्मपाल का जन्म 01 अञ्चतूबर, 1941 को हुआ। आप हिन्दू कॉलेज सोनीपत से अंग्रेजी प्राध्यापक के पद से सेवानिवृ॔ा हैं। इनकी अब तक 8 पुस्तकें हिन्दी भाषा में तथा 2 पुस्तकें अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हैं। इनके 6 उपन्यास तथा 2 कहानी संग्रह तथा दो उपन्यास अंग्रेजी भाषा में हैं। चर्चित पुस्तकें ः उपनिवेश, ठहराव, बस्ती, अवशेष, प्रवासी, निवस्त्र तथा अन्य कहानियां, खत्म लाईट (अंग्रेजी) दो माईग्रेन्ट (अंग्रेजी) सक्वप्रति ः मकान नं. 13, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, सोनीपत में रह रहे हैं।

12. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः डॉ. के. के. र॔ा, चंड़ीगढ : हिन्दी भाषा के बहुचर्चित लेखक, चिंतक,भाषाविद् एवं मीडिया विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार र॔ा साहित्य लेखक संसार में एक लद्ब्रध प्रतिष्ठ एवं क्चयाति प्राप्त हैं। इनकी शैक्ष्रिणक योग्यता डी. लिट् है तथा वर्तमान में निदेशक कार्यक्रम, दूरदर्शन केन्द्र चण्डीगढ़ में कार्यरत है। इनकी विविध विषयों मीडिया, साहित्य, आंतकवाद तथा भाषा पर अब तक तीन दर्जन से ज्यादा पुस्तकें हिन्दी, अंग्रेजी तथा पंजाबी में प्रकाशित हो चुकी है। डॉ. र॔ा ने भारतीय साहित्य अकादमी दिल्ली, पंजाब भाषा विभाग, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के लिए करीब एक दर्जन से अधिक अंग्रेजी से पंजाबी में अनुवाद किया है। डॉ. र॔ा को भारत सरकार द्वारा पत्रकारिता, मीडिया लेखन के सर्वोच्च पुरस्कार भारतेन्दु हरिशचन्द्र सक्वमान , इन्दिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से पुरस्कृत हो चुके है। डॉ. र॔ा आई. बी. सी. लंदन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार ‘मैन ऑफ द ईयर (मीडिया)’ तथा हिन्दी विश्व सक्वमेलन दिल्ली द्वारा ‘सहसत्राद्ब्रदी हिन्दी’ पुरस्कार से पुरस्कृत है। सक्वप्रतिः निदेशक, दुरदर्शन केन्द्र, सेञ्चटर- 37 बी, चण्डीगढ़ – 160036

13. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः श्री सुरेन्द्र बांसल, चंड़ीगढ  :  फोटोग्राफी एवं फाइन आर्ट में सिद्घहस्त युवा कवि श्री सुरेन्द्र बांसल का जन्म 10 दिसक्वबर, 1966 को हुआ। उनकी शैक्षणिक योग्यता फोटोग्राफी एवं फाइन आर्ट में डिप्लोमा है। आपने द्वारा हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका शिक्षा लोक का तीन वर्ष तक सक्वपादन किया। आपने उर्दू के प्रसिद्घ शायर प्रो. आर.पी.शोख की सक्वपूर्ण शायरी को हिन्दी में अनुवाद करके ‘जिन्दगी के शीशे में’ नामक पुस्तक का प्रकाशन किया तथा श्री अनुपम मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘आज भी खरे है तालाब’ का पंजाबी भाषा में अनुवाद किया। सक्वप्रति ः मकान न. 1023, पहली मंजिल सेञ्चटर-38बी, चंडीगढ़-160036

14. विशेष साहित्य सेवी सम्मान ः श्री तेजेन्द्र शर्मा, फरीदाबादहिन्दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्घ साहित्यकार तथा देश विदेश में हिन्दी साहित्य के प्रचार एवं प्रसार करने वाले श्री तेजेन्द्र शर्मा का जन्म 21 अञ्चतूबर, 1952 को जगरांव (पूर्व विभाजित पंजाब) में हुआ इन्होंने आरक्विभक शिक्षा रोहतक (हरियाणा) में तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. अंग्रेजी की उपाधि ग्रहण की। इन्होंने अब तक 8 कहानी संग्रह, एक कविता संग्रह सहित तीन पुस्तकों की रचना अंग्रेजी भाषा में की है। कार्यक्षेत्र विदेश में होने से आप विदेशों में हिन्दी साहित्य के प्रचार एवं प्रसार में अपनी मह॔वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहे है तथा प्रवासी हिन्दी लेखकों, ़गज़लकारों, कवियों के रचनाकर्म का संयोजन तथा संपादन किया है। चर्चित पुस्तकें ः काला सागर, ढि़बरी टाईट, देह की कीमत, यह ञ्चया हो गया, बेघर आँखें, सीधी रेखा की परतें, कब्र का मुनाफा, दीवार में रास्ता, ये घर तुक्वहारा है। अंग्रेजी Black & White, Lord Byron-Don Juan, John Keats-The Two Hyperions संपर्क मकान नं. 296, सेञ्चटर-18, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, फरीदाबाद |

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