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आई एन वी सी,
हरियाणा,
हरियाणा विधान सभा ने आज चार बिल पारित किये। इनमें हरियाणा ग्रामीण विकास(संशोधन)बिल,2013, हरियाणा नगर निगम (संशोधन)बिल, 2013, हरियाणा विनियोग(संख्या 1)बिल, 2013 तथा पंजाब श्रमिक कल्याण निधि (हरियाणा संशोधन)बिल, 2013 शामिल हैं। सभी फलों तथा सब्जियों पर पहली सितम्बर, 2012 से ग्रामीण विकास शुल्क को दो प्रतिशत से घटा कर एक प्रतिशत करके फल एवं सब्जी उत्पादकों तथा आम जनता को राहत प्रदान करने के लिये हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल, 2013 पारित किया गया। हरियाणा नगर निगम (संशोधन) बिल, 2013 इसलिये आवश्यक हो गया था, क्योंकि राज्य चुनाव आयोग को प्रदेश में नवगठित नगर निगमों में चुनाव करवाने के लिये तीन मास से अधिक का समय चाहिए। हरियाणा सरकार ने 17 मार्च, 2010 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सात नगर निगमों, नामतः पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक एवं हिसार का गठन किया था। 10 अक्तूबर, 2008 से लागू हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार नवगठित नगर निगमों के चुनाव तीन वर्ष की अवधि के भीतर होने चाहिए। नवगठित नगर निगमों के चुनाव 16 मार्च, 2013 को आयोजित किया जाना आवश्यक है, जिसके लिये सरकार द्वारा वार्डों के परिसीमन का कार्य पूरा किया जा चूका है। चुनाव करवाने के लिये राज्य चुनाव आयोग, हरियाणा द्वारा मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाना है और इसके अतिरिक्त मैट्रिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षाएं भी मार्च के महीने में आयोजित होंगी और इसके कारण 16 मार्च, 2013 से पहले चुनाव करवाना संभव नहीं है। अतः राज्य चुनाव आयोग को चुनाव करवाने के लिये तीन मास से अधिक का समय चाहिए। अतः संशोधन के अनुसार नवगठित नगर निगमों का चुनाव तीन वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष व तीन महीने की अवधि में करवाया जाना है।वित्त वर्ष 2012-13 के खर्च के लिये विधान सभा द्वारा किये गये अनुपूरक अनुदानों को पूरा करने के लिये हरियाणा राज्य की संचित निधि में से अपेक्षित राशियों के विनियोग के लिये हरियाणा विनियोग (संख्या 1) बिल, 2013 पारित किया गया। श्रमिकों के बृहद हित में हरियाणा श्रमिक कल्याण बोर्ड के प्रभावी एवं सुचारू संचालन और अध्यक्ष का सहयोग करने और उसकी अनुपस्थिति में बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने हेतू पंजाब श्रमिक कल्याण कोष अधिनियम में उपाध्यक्ष के पद का प्रावधान करने के लिए पंजाब श्रमिक कल्याण निधि (हरियाणा संशोधन) बिल, 2013 पारित किया गया है। यह भी अनुभव किया गया है कि बोर्ड द्वारा औद्योगिक श्रमिकों के लाभार्थ अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। औद्योगिक श्रमिकों तथा औद्योगिक इकाइयों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्घि हो रही है, जिसके फलस्वरूप बोर्ड का कार्य भी बढ़ रहा है।