हरियाणा हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा अपनी मासिक गोष्ठी शृंखला में ग्यारहवीं मासिक गोष्ठी का आयोजन अकादमी सभागार में किया गया। हरियाणा हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संगोष्ठी में श्री दीक्षित दनकौरी, सुपरिचित ़गज़लकार, नई दिल्ली मुख्य अतिथि के रूप में पधारे तथा सुपरिचित ़गज़लकार, श्री विकास शर्मा ‘राज़’, सोनीपत को विशेष आमंत्री कवि के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ. एस.के. पुनिया, सेवानिवृत प्रोफेसर पी.जी.आई. चंडीगढ़ इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे। कार्यक्रम के आरंभ में उत्तराखंड में आयी आपदा से पीडि़त लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया। श्री दीक्षित दनकौरी ने अकादमी की मासिक संगोष्ठी को एक अनूठी पहल बताते हुए यह आशा व्यक्त की कि इस तरह के आयोजन सभी प्रमुख शहरों में मासिक तौर पर किये जाने चाहिएं। उनकी ़़गज़लों को श्रोताओं द्वारा खूब सराहा गया-
ऐ ़गज़ल पास आ गुनगुना लूँ तुझे / तू संवारे मुझे मैं संवारू तुझे।
जाम है प्यास है दर्द है आस है / और क्या चाहिए शायरी के लिए
अलग ही मजा है फकीरी का अपना / न पाने की चिंता न खोने का डर है
जो दावा कर रहा है दोस्ती का / मजा वो दे रहा है दुश्मनी का
अच्छा किया तुमने जो गुनहगार कह दिया / मशहूर हो गया हूँ बदनामियों के साथ
वो मददगार हो या हो दुश्मन मेरा / पीठ पीछे नहीं रू-ब-रू चाहिए
आइने को सामने क्या कर लिया / एक दुश्मन और पैदा कर दिया
विशेष आमंत्रित कवि डॉ. विकास शर्मा ‘राज़’ ने अपनी ़गज़लों के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों को रेखांकित किया-
मैं खुद भी देख रहा था इसे हिकारत से / ये एक आँसू ही सैलाब होने वाला है।
रोशनी बांट रहा हूँ मैं भी / तू है सूरज तो दिया हूँ मैं भी।
तू भी बहुत नाराज है मुझसे / जिंदगी तुझसे खफा हूँ मैं भी।
अकादमी निदेशक डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’ ने कार्यक्रम के आरक्वभ में अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर कविता पाठ करते हुए उन्होंने ने कहा-
मनुवा मेरा मस्त कलंदर / झांके सबके बाहर अंदर।
कतरा एक आंखों से टपका / खारा कैसे हुआ समंदर।
तुझे दे के थपकी सुलाने लगी है / हवा देखिये मुस्कुराने लगी है।
समुद्र मिला आसमां से उफन कर / नदी आकर खिलखिलाने लगी है।
इस अवसर पर कविता पाठ सत्र में सर्वश्री रामफल सिंह, एस.एल. धवल, रघुनाथ प्रियदर्शी, अरूण जौहर, विनोद कश्यप ने भी कविता पाठ किया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. विजेन्द्र कुमार ने किया।
अंत में अकादमी निदेशक, डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए अतिथियों, मीडिया कर्मियों, पत्रकार बंधुओं तथा अकादमी स्टाफ का धन्यवाद किया। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि भविष्य में भी उच्चकोटि के रचनाकारों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।