- सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के उपयोग को प्रोत्साहन
- शासकीय विभाग की अधिकांश वेबसाइट हिन्दी में भी
- सूचना प्रौद्योगिकी संवाद पत्रिका हिन्दी में
- यूनीकोड प्रशिक्षण मार्गदर्शिका हिन्दी में
- हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने हरेक वर्ष पुरस्कार
- किसानों को सरल भाषा में खेती की सलाह सरल हिन्दी में एसएमएस संदेश से
मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का काम लगातार हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के उपयोग को प्रोत्साहन देने में मध्यप्रदेश, देश के अग्रणी राज्य में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर पिछले वर्ष शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन कॉल सेंटर व्यवस्था का सम्पूर्ण सॉफ्टवेयर हिन्दी में तैयार किया गया है। हेल्पलाइन के जरिये कोई भी नागरिक टेलीफोन नंबर 181 पर हिन्दी में अपनी बात रख सकते हैं, जिसका उत्तर भी उन्हें हिन्दी में ही दिया जाता है। राज्य शासन ने इस दिशा में आगे पहल करते हुए प्रदेश में कम्प्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ लोगों तक पहुँचाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी का प्रभावी उपयोग करने वाले व्यक्ति अथवा संस्थाओं को प्रतिवर्ष 2 लाख रुपए तक का पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।
कम्प्यूटर से किये जाने वाले शासन के सभी कार्य में यूनीकोड को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे हिन्दी भाषियों को कम्प्यूटर दक्ष बनाने में अच्छी सफलता मिली है। इस काम में मदद को ध्यान में रखकर यूनीकोड नामक पुस्तक का हिन्दी में प्रकाशन किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मैप-आईटी द्वारा अपना नियमित प्रकाशन सूचना प्रौद्योगिकी संवादहिन्दी में प्रकाशित कर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसी प्रकार ई-गवर्नेंस पर आधारित समय-समय पर जारी परिपत्रों का संकलन हिन्दी में प्रकाशित किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत मैप-आईटी एवं लोक सेवा प्रबंधन द्वारा हिन्दी भाषा में शासकीय सेवकों में सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता संवर्धन के लिये संचालित ई-दक्ष परियोजना एवं महिलाओं में इंटरनेट जागरूकता में वृद्धि के लिए संचालित ई-शक्ति अभियान का प्रचार साहित्य ब्रोशर एवं पेम्फलेट आदि हिन्दी भाषा में तैयार किये गये हैं। मध्यप्रदेश शासन के अधिकांश विभाग की वेबसाइट हिन्दी भाषा में भी उपलब्ध है।
भोपाल में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण स्कूल एवं लोक सेवा प्रबंधन तथा सीएम हेल्पलाइन द्वारा अपने मुखपत्र तथा अन्य प्रचार साहित्य का प्रकाशन हिन्दी में भी किया गया है। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहाँ किसानों को सरल भाषा में खेती की सलाह सरल हिन्दी में एसएमएस संदेश से दी जा रही है।