दिल्ली,
बीजेपी में व्याप्त भारी विरोध के मद्देनज़र आज आखिरकार साबिर अली की सदस्यता रद्द कर दी गई है। साबिर कल ही बीजेपी में शामिल किए गए थे। उनके पार्टी में शामिल होने पर विरोधी ही नहीं अपनों का भी हमला पार्टी नेताओं को झेलना पड़। ऊपर से आरएसएस दबी जुबान में ही सही, अपनी नाराज़गी जता रहा था। कल यानी शुक्रवार से ही साबिर अली को लेकर बीजेपी के भीतर सवाल उठने लगे। ट्वीटर के ज़रिए बीजेपी के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने मोर्चा खोला तो इसमें विनय कटियार, कलराज मिश्रा और बलबीर पुंज जैसे नेता जुड़ते चले गए।
इन नेताओं का मानना है कि साबिर अली को बीजेपी में शामिल करने के मामले में पार्टी से चूक हुई है। हालांकि नितिन गडकरी जैसे नेताओं ने साबिर के मुद्दे पर पार्टी की राय से इत्तिफाक जताया है। एक तरफ पार्टी के भीतर से सवाल उठे तो दूसरी तरफ विरोधी पार्टियों को बीजेपी के भीतर की इस अनबन में मज़े लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से लेकर कई दलों ने साबिर अली को बीजेपी में शामिल किए जाने पर चुटकी ली। साबिर पर बीजेपी नेताओं के बयानों के बहाने ही निशाना साधा जा रहा है।
इससे पहले जैसा कि हम सभी जानते हैँ मोदी की तरफ़दारी की वजह से जेडीयू से निष्कासित साबिर अली की बीजेपी की सदस्यता हासिल करने के बाद उठे विवादों के बाद साबिर अली ने बिहार के बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान को खत लिखकर आग्रह किया था कि उनकी सदस्यता फिलहाल होल्ड पर रखी जाए। साबिर ने कहा कि एक कमेटी बनाकर उनकी जांच करा ली जाए, वह बैठकर बात करने को तैयार हैं और बेदाग साबित होने तक इंतजार करेंगे।
गौरतलब है कि, साबिर अली ने कहा कि अगर उनके खिलाफ आतंकवादी यासीन भटकल से जुड़े आरोप और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने जो आरोप लगाए हैं, अगर वो साबित हो जाते हैं तब वह राजनीति हमेशा के लिए छोड़ देंगे। साबिर अली ने संवाददाताओं से कहा, मैंने धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर अपनी सदस्यता स्थगित करने को कहा है। मैंने उनसे एक समिति गठित करने का आग्रह किया है और इन अरोपों के आधार पर इसकी छानबीन करने को कहा है। अगर ये आरोप दूर-दूर तक भी सही पाए जाते हैं, तो मैं हमेशा के लिए राजनीति छोड़ दूंगा।
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर भी है कि बीजेपी ने साबिर अली पर दिए गए पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी के बयान और उसके बाद साबिर अली की सफाई पर अपना मत साफ किया है।
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी का कहना है कि साबिर अली पर कोई मुकदमा नहीं है और सिर्फ कही-सुनी बातों के आधार पर सदस्यता रद्द करने से गलत संदेश जा सकता है। साथ ही बीजेपी मानती है कि नकवी को साबिर की तुलना दाऊद से सार्वजनिक रूप से नहीं करनी चाहती थी।
पार्टी कहती है की नकवी के खिलाफ भी कार्रवाई करने पर चर्चा हो रही है और साथ ही साबिर अली की सदस्यता रद्द करने पर पार्टी में चर्चा जारी है। इस मामले में आरएसएस के नेता विराग पचपोर का कहना है कि बिना सोचे-समझे किसी को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। विराग ने कहा कि इतने गंभीर आरोप लगाने से पहले जांच-परख कर लेनी चाहिए थी।
मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को साबिर अली के बीजेपी में शामिल होने पर सख्त ऐतराज़ जताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि साबिर अली आतंकियों के दोस्त हैं। नकवी ने यासीन भटकल का नाम लेते हुए कहा था कि साबिर अली की आतंकियों के साथ दोस्ती है।