दिल्ली,
आखिरकार आज ‘सहारा श्री’ को उच्चतम न्यायालय के सामने हाज़िर होना ही पड़ा। और निवेशकों के 20 हज़ार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले में गिरफ्तार कर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांग ली है। पुलिस ने मंगलवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार कर ली है। सुब्रत राय के वकील राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सहारा निवेशकों का बकाया 2 महीने में चुका देगी।
ग़ौर तलब है कि सुब्रत राय को आज जब कोर्ट में पेश किया जा रहा था तभी एक व्यक्ति ने राय पर स्याही फेंकी दी। पुलिस ने स्याही फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया।बताया जा रहा हि कि ग्वालियर के एक व्यक्ति ने मंगलवार को सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को चोर कहते हुए उनके चेहरे पर स्याही फेंकी है। रॉय को सुप्रीम कोर्ट में पेशी के लिए लाया रहा था तभी इस कृत्य को अंजाम दिया गया था।
खुद को निवेशक बताने वाले इस युवक मनोज शर्मा ने रॉय का इंतजार किया। अपने परंपरागत लिबास वेस्ट कोट और टाई पहने रॉय ने जैसे ही पुलिस काफिले की एक कार से कदम बाहर रखा युवक ने उनके चेहरे पर काली स्याही मल दी। रॉय को निकटवर्ती नोएडा से दोपहर बाद यहां लाया गया था। सहारा चोर है चिल्लाते हुए शर्मा ने काली स्याही की बोतल उनपर उड़ेल दी। कुछ वकीलों ने शर्मा को धर लिया और उसे पीटा। ये वकील वहां सुब्रत सहारा को लाए जाने के घटनाक्रम में जमा हो गए थे। शर्मा को बाद में तिलक मार्ग थाने ले जाया गया। शर्मा ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। इससे पहले वह कांग्रेस के सांसद सुरेश कलमाड़ी को अदालत लाए जाने के दौरान उनपर जूता फेंक चुका हैं। रॉय पर स्याही फेंकने के दौरान शर्मा ने अपनी कमीज उतार ली और चिल्लाया, ये चोर है। इसने लोगों का पैसा चुराया है और मैं चोरों के खिलाफ हूं।
रॉय को दूसरे गेट से अदालत परिसर में लाने के सुरक्षा बलों के प्रयास का कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि पुलिस के वाहन रॉय को लेकर जैसे ही अदालत के उस गेट तक पहुंचे इंतज़ार में खड़े फोटो पत्रकार वहां जमा हो गए।
इससे पहले पुलिस सड़क मार्ग से सहारा प्रमुख को लखनऊ से लेकर दिल्ली आई। राय ने गत शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया था। वारंट की तामील कराने के लिए पिछले 27 फरवरी को गोमतीनगर पुलिस का एक दल सहारा शहर गया था, लेकिन सहारा प्रमुख वहां नहीं मिले थे। ज्ञात हो कि निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के एक मामले में उच्चतम न्यायालय ने गत बुधवार को राय के खिलाफ गैरज़मानती वारंट जारी किया था।
वारंट की तामील कराने के लिये पिछले 27 फरवरी को गोमतीनगर पुलिस का एक दल सहारा शहर गया था लेकिन सहारा प्रमुख वहां नहीं मिले थे। अगले दिन उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्हें गिरफ्तार करके लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था । बाद में पुलिस की निगरानी में उन्हें कुकरैल स्थित वन विभाग के अतिथिगृह में रखा गया था।
सुब्रत राय ने विभिन्न अखबारों में दिए गए विज्ञापन में अपना पक्ष रखने की कोशिश करते हुए कहा था कि वह निवेशकों को 20 हज़ार करोड़ रुपए लौटाने के मामले में अदालत में 26 फरवरी को पेश होने के लिए निकल चुके थे लेकिन 24 फरवरी की शाम को उनकी 92 वर्षीय मां की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली से वापस लखनऊ लौटना पड़ा था।