राहुल पर फैसला लिया जा चुका है और यही आखिरी फैसला है: सोनिया गाँधी

images (1)आई एन वी सी,

दिल्ली,

आज शुक्रवार को एआईसीसी की बैठक हो रही है। बैठक की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अध्यक्षीय भाषण से हुई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों मेँ राहुल गाँधी को लेकर अति उत्साह नज़र आ रहा है। कार्यकर्ताओँ के बड़े खेमे ने राहुल को पीएम उम्मीदवार बनाने के नारे बुलंद किए। इस पर सोनिया ने साफ कर दिया कि राहुल पर फैसला लिया जा चुका है और यही आखिरी फैसला है। साथ ही कहा कि कांग्रेस आगे की लड़ाई के लिए तैयार है।

ग़ौर तलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने की पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी मांग के बीच पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज साफ कर दिया कि कल कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हुआ फैसला अंतिम है ,जिसके मुताबिक राहुल आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीँ होंगे।

स्वयं राहुल ने भी कहा कि अधिवेशन में होने वाले अपने भाषण में वह कार्यकर्ताओं को बता देंगे कि उनके दिल में क्या है।आज यहां तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सम्मेलन जैसे ही शुरु हुआ तो बड़ी संख्या में प्रतिनिधि राहुल को ज़िम्मेदारी दो जैसे नारे लगाने लगे और उनके पोस्टर लहराने लगे। काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं को शांत करते हुए कहा कि राहुल के बारे में कल कांग्रेस कार्यसमिति ने जो निर्णय लिया है, वह अंतिम है।गौरतलब है कि कांगे्रस कार्य समिति के फैसले के मुताबिक राहुल गांधी 2014 में कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व संभालेंगे।

अपने संबोधन मेँ सोनिया गाँधी ने कहा कि हमारी सरकार ने इन 10 वर्षों में जो भी किया है, वह किसी सरकार ने अबतक नहीं किया। हमने महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम किया है। सरकार ने नये विश्‍वविद्यालय खोल। मध्‍यवर्ग परिवर्तन की मांग कर रहा है। मध्‍यवर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने में कुछ कमी रह गयी है। हमने देश की दो तिहाई जनता को भोजन की गारंटी दी है। हम जीते या हारे हम हर गांव मुहल्ले में जनता के साथ रहेंगे और रहते आ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा  कि आरटीआइ  एक्ट के चलते हमारे देश की जनता अपने को शक्तिशाली महसूस कर रही है। एक औऱ खतरा जो हम देख हैं वो है अवसरों की गैर बराबरी। इस गैर-बराबरी को दूर करने के लिए शिक्षा की ज़रूरत है। कमज़ोर तबके के बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को वजीफा और मिड-डे मील दिया है। बच्चे स्कूल में ठीक रहते हैं।  पिछले पांच सालों में कई विश्वविद्यलय और कई संस्थान खोले गए है।

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि देश के सामने सबसे बड़ा खतरा सांप्रदायिक शक्तियों और विचारधारा से है। उधर एआईसीसी के प्रस्ताव में समान विचारों वाली राजनीतिक और सामाजिक शक्तियों को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर साथ आने का आह्वान किया गया। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की ओर इशारा करते हुए सोनिया ने कहा कि आम आदमी की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में हमसे कुछ कमियां हुई हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि संप्रग सरकार द्वारा लागू कार्यक्रमों और नीतियों के मद्देनज़र उनकी पार्टी के प्रति थोड़ा नरम रख अपनाएं।

सोनिया का भाषण खत्म होने के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता दोबारा से राहुल को पीएम उम्मीदवार बनाने के नारे लगाने लगे। जनार्दन द्विवेदी के समझाने के बावजूद ये नहीं माने तो राहुल को मंच पर आना पड़ा। राहुल ने कार्यकर्ताओं को समझाया कि इंतजार करें, मैं साढ़े तीन बजे अपने दिल की बात रखूंगा।

एआइसीसी की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत ने मंदी के बाद भी विकास किया है। भले ही खाने पीने की चीज़ेँ महंगी हुईं, पर महंगाई के बाद भी किसानों को फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा की विपक्ष अपना वादा पूरा कर नहीं पाएगी। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा, अगला लोकसभा चुनाव अगर कांग्रेस जीतती है, तो ये राहुल गांधी की जीत होगी।

उधर, सोनिया ने अपने भाषण में यूपीए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने फूड बिल, लोकपाल बिल, भूमि अधिग्रहण बिल का हवाला दिया। साथ ही मनरेगा का भी ज़िक्र किया। सोनिया ने कहा कि आरटीआई से लोगों को सूचना का अधिकार मिला। शिक्षा का अधिकार कानून भी पास कराया गया।

इस बीच पार्टी सूत्रो इशारा किया कि एआईसीसी की बैठक के तत्काल बाद पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी 18 और 19 जनवरी को नेताओं के साथ राज्यवार बातचीत करेंगे। बैठक में एआईसीसी के सभी प्रतिनिधि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और ज़िला अध्यक्ष शामिल होंगे। कांग्रेस नेताओं के लिए आने वाले कुछ दिन काफी व्यस्त रहेंगे।

 21 जनवरी को प्रदेश चुनाव समितियों की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें संभावित उम्मीदवारों के नाम पर फैसला हो सकता है। अनेक राज्यों के लिए केंद्रीय निगरानी समितियों की बैठकें 27 जनवरी को होने की संभावना है जिनमें छांटे गये उम्मीदवारों की पड़ताल होगी। आने वाले 1 से 7 फरवरी के बीच केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है।

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