आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह आज ‘रायपुर साहित्य महोत्सव’ के शुभारंभ के अवसर पर पुरखौती मुक्तांगन में बनाए गए मुकुटधर पाण्डेय मण्डप में ‘बस्तर की बोलियां और साहित्य’ विषय पर आयोजित सत्र में भी कुछ देर के लिए शामिल हुए। उन्होंने इस सत्र में प्रतिभागी श्रीमती शंकुतला तरार द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे बस्तर के लोक गीतों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां की आंचलिक बोलियों के गीतों में वास्तव में काफी मिठास है। इस सत्र में वहां के सुरीले लोकगीत को सुनकर मैं अनायास इस मण्डप में खिंचा चला आया। उल्लेखनीय है कि प्रथम सत्र में इस मण्डप में सूत्रधार के रूप में बस्तर के प्रसिद्ध कवि और लेखक श्री जोगेन्द्र महापात्र ने विषय का प्रवर्तन किया। सत्र में इस विषय पर श्री रूद्रनारायण पाणिग्रही, शिवकुमार पाण्डेय और यशवंत गौतम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने बस्तर की आंचलिक बोलियों के समृद्ध लोक साहित्य पर अपने-अपने दृष्टिकोण से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बस्तर की अनेक बोलियों के लुप्त होने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वर्तमान में प्रचलित हल्बी, भतरी और गोंडी सहित कुछ अन्य बोलियों के विशेष रूप से संरक्षण की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस दिशा में राज्य शासन की ओर से हर संभव पहल करने का आश्वासन दिया।