मुख्य द्वार का रंग वास्तु के अनुसार

घर का मुख्य द्वार घर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होता है। यह वह भाग है जहां से बाहरी लोग आपके घर में प्रवेश करते हैं और आप घर से बाहर निकलते हैं। मान्यताओं में घर के मुख्य द्वार को ही लक्ष्मी आगमन का मार्ग बताया जाता है। ऐसे में घर के द्वार से जुड़े वास्तु पर ध्यान दिया जाए तो घर में खुशहाली और समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं।

मुख्य द्वार की दिशा की बात करें को वास्तु शास्त्र के अनुसार दरवाजा उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है।

मुख्य द्वार बनवाते समय इस बात का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है कि यह दरवाजा घर के बाकी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए, साथ ही यह घड़ी की दिशा में खुलना चाहिए।

घर में समृद्धि के आगमन के लिए घर के मुख्य द्वार पर गणपति बप्पा की प्रतिमा रखना शुभ मानते हैं। इससे घर में शुभ-लाभ आता है और वह खुशहाली का केंद्र बन जाता है।

मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के पद चिन्ह भी छापे भी जा सकते हैं या फिर सुंदर कागज पर उकेरे गए पदचिन्ह दरवाजे पर टांगे जा सकते हैं। स्वास्तिक का चिन्ह भी वास्तु दोष दूर करने में सहायक है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार का रंग दिशा के अनुसार होना चाहिए जैसे
पश्चिम के मुख्य द्वार पर नीला और सफेद रंग करवाना चाहिए।
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व के मुख्य द्वार पर चांदी, नारंगी और गुलाबी रंग करवाना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम मुख्य द्वार पर पीला रंग करवाना चाहिए।
उत्तर के मुख्य द्वार पर हरा रंग करवाना चाहिए।
उत्तर-पूर्व के मुख्य द्वार पर क्रीम और पीला रंग करवाना चाहिए।
उत्तर-पश्चिम के मुख्य द्वार पर सफेद और क्रीम रंग करवाना चाहिए।
पूर्व के मुख्य द्वार पर सफेद, लकड़ी के रंग या हल्का नीला रंग करवाना चाहिए। PLC/GT

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