राजेंद्र उपाध्याय
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के बर्खास्त सिपाहियों की बहाली के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ मायावती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य के अधिकारियों के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई 25 मई को होगी. करेगा।
गौरतलब है कि गत 20 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की मायावती सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए करीब 18,000 सिपाहियों को 27 मई तक बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही अदालत ने आदेश नहीं मानने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त क़दम उठाने की चेतावनी भी दी थी. हाईकोर्ट ने यह भी कहा गया था कि सरकार फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर और दागी अभ्यर्थियों की बर्खास्तगी बरकरार रख सकती है।
गौरतलब यह है कि उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने मुलायम सिंह सरकार द्वारा नियुक्त क़रीब 22,500 सिपाहियों और पीएसी के जवानों में से 18,000 से अधिक को बर्खास्त कर दिया था। मुख्यमंत्री मायावती ने इन नियुक्तियों में कथित धांधली की जांच के लिए शैलजा कांत मिश्र समिति का गठन किया. बाद में इसी समिति की सिफारिश पर अक्टूबर 2007 में 18,000 से ज़्यादा सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया
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