आई एन वी सी ,
दिल्ली,,
मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के बीच ेयूरोपीय यूनियन कें द्वारा म्यांमार पर लगे प्रतिबंध को हटाना मजलूमों के घावों पर नमक छिड़कने की संज्ञा देते हुए जमीयत उलमा ए हिन्द ने उसे अव्यवहारिक करार दिया है। क्षेत्र की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी, भारतीय मुसलमानों की भावनाओं से अवगत कराते हुए जमीयत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने दिल्ली स्थित यूरोपीय यूनियन कार्यालय को पत्र लिखकर अपना सख्त विरोध व्यक्त किया है तथा मांग की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।
पत्र में मौलाना मदनी ने यूरोपीय यूनियन के इस बयान से असहमति जताई है जिसमें तर्क दिया गया है कि हिंसा का संबंध आर्थिक प्रतिबंध नहीं है बल्कि यह आम तौर पर कानून की बहाली, सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं के कारण जाहिर होता है। जबकि वास्तविकता यह है कि हिंसा का संबंध सत्तारूढ़ की नीति और नकारात्मक सोच से होता है। म्यांनमार में पूर्व सैन्य सरकार और वर्तमान तथाकथित सुधारवादी सरकार की अल्पसंख्यकों के प्रति नीति और व्यावहारिक रूप से कोई अंतर नहीं है, हाल की घटनाओं से यह साबित होता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन बुद्ध अतिवादियों को सरंक्षण्ण और समर्थन कर रहा है और मुस्लिम अल्पसंख्यकों की संपत्तियों को बर्बाद करने और उस पर बुद्धिष्टड्ढ दंगों द्वारा जानलेवा एंव आक्रामकता में संलिप्त हैं। ऐसे में मानव अधिकार हनन को रोकने और प्रभावित समुदाय के बारे में पूर्व के आचरण में बदलाव लाये बिना राजनीतिक आर्थिक प्रतिबंध हटाये जाने का कदम सकारात्मक न बनकर बल्कि बाधा उत्पन्न करेगा। मौलाना मदनी ने अपने पत्र में यूरोपीय यूनियन का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया है कि प्रतिबंध हटाने की घोषणा से अराजकता बढ़ जायेगी तथा मानवाधिकार की जिम्मेदारियों के प्रति प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।
मौलाना महमूद मदनी ने अपने बयान में ह्यूमन राइट्स के पक्ष से अपनी सहमति जाहिर की है कि मयांमार सरकार मुसलमानों के नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराधों में लिप्त है, मौजूदा समय में प्रतिबंध उठाया जाना गैर उचित है। उन्होंने भारत समेत अन्य देशों से भी आग्रह किया है कि वह म्यांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यकों से उचित व्यवहार और उसके अधिकारों की रक्षा की दिशा में आवश्यक कदम उठायें। उन्होंने इस संकल्प को भी दोहराया कि हालात सामान्य होने तक जमीयत उलमा ए हिन्द म्यांमार मामले में आने वाले दिनों में अन्य संभावित कार्रवाई करेगी। चाहे वह किसी भी समुदाय और धर्म से संबधित हो।