भ्रष्टाचार अब भी हमारी बड़ी समस्या

भ्रष्टाचार कम करने को लेकर तमाम दावे तो हुए, लेकिन तस्वीर अब भी वही पुरानी दिख रही है। इसकी बानगी हमें ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक) 2019 में दिखने को मिल रही है।
 
दुनिया में ऐसे देशों की सूची जहां भ्रष्टाचार कम है, हम चीन के साथ संयुक्त रूप से 80वीं रैंकिंग पर हैं। ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ हर साल तमाम देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति को लेकर रैंकिंग जारी करती है। इस बार भी संस्था ने 180 देशों की सूची जारी की, जिनमें हमारा नंबर 80वां रहा।

दिलचस्प बात यह है कि 80वीं रैकिंग पर भारत-चीन के अलावा संयुक्त रूप से बेनिन, घाना और मोरक्को जैसे देश हैं। सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देशों में डेनमार्क शीर्ष पर है। न्यूजीलैंड उसके साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर है। इसके बाद फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और नॉर्वे का नंबर आता है।

पाकिस्तान में बदतर हालात

पड़ोसी देश पाकिस्तान में भ्रष्टाचार पर कितनी लगाम लगाई जा सकी है, उसका अंदाजा उसकी रैंकिंग से ही लगता है। 180 देशों में उसकी रैंकिंग 120 है और उसका स्कोर महज 32 रहा।

सोमालिया सबसे निचले पायदान पर

वैश्विक रैंकिंग में सोमालिया सबसे निचले यानी 180वें नंबर पर है। उससे पहले दक्षिणी सूडान, सीरिया, यमन, वेनेजुएला और सूडान जैसे देश हैं।

भूटान शीर्ष 25 देशों में शुमार

पड़ोसी देशों की बात करें तो भूटान ही एकमात्र देश है, जहां भ्रष्टाचार कम है। भूटान 68 अंकों के साथ 25वीं रैंकिंग पर है। बाकी अन्य देशों में स्थिति भारत से भी खराब है। श्रीलंका 93वें, नेपाल 113वें, मालदीव-म्यांमार 130वें और बांग्लादेश 146वें नंबर पर है। PLC.

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