चंडीगढ़ । पंजाब में संभावित फरवरी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम-खम के साथ चुनाव लड़ेगी। इसके लिए पार्टी राज्य की सभी 117 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी अपनी जमीन तैयार करने के लिए बृहद रूप में मैदान में उतरेगी। इसके लिए पंजाब में पार्टी को नंबर वन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो अगले एक साल में पूरा हो जाएगा। पंजाब में कृषि बिलों को लेकर बिगड़े हालात के बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यह अहम फैसला लिया है। इसके लिए केंद्रीय हाईकमान ने पंजाब कोर कमेटी की हाई लैवल बैठक बुलाई।
दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में हुई कोर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता खुद जगत प्रकाश नड्डा ने की। उनके साथ राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष एवं राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ भी मौजूद रहे। इस मौके पर फैसला लिया गया कि भाजपा पंजाब में नंबर वन के शिखर पर पहुंचने के लिए तेजी से काम करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता गांव-गांव और प्रत्येक बूथ पर भाजपा की जमीन मजबूत करेंगे। साथ ही कृषि बिलों को लेकर जिन गांवों में ज्यादा रोष देखा जा रहा है, वहां उन्हें समझाने का काम भी पार्टी के पदाधिकारी करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस मौके पर पंजाब में आगे की क्या और कैसे रणनीति रहेगी, उस पर भी गहन मंथन किया गया। 2 घंटे से अधिक चली कोर कमेटी की बैठक में कुल 15 लोग शामिल थे, जिसमें से 13 सदस्य पंजाब के और 2 सदस्य मुख्यालय से थे।
इस मौके पर चर्चा हुई कि विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सिख चेहरों के साथ नए चेहरों, अच्छी छवि वाले युवाओं को मौका दिया जाएगा। इसके अलावा दूसरी पार्टियों (कांग्रेस, आप, शिरोमणि अकाली दल) से आने वाले नेताओं की लंबी कतार लगी है, उन्हें भी पार्टी में शामिल कराया जाएगा। इसमें कई चौंकाने वाले नाम भी होंगे। बैठक में गुरु तेग बहादुर साहिब के 400 साला प्रकाश पर्व को पंजाब में बड़े स्तर पर मनाने का भी फैसला लिया गया है। बैठक में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, पूर्व अध्यक्ष विजय सांपला, दोनों महामंत्री सुभाष शर्मा एवं जीवन गुप्ता, वरिष्ठ नेता मदन मोहन मित्तल, केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश सहित सभी सदस्य मौजूद रहे।PLC.