मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्देश्य व्यापक है। इसमें हिन्दी के प्रयोग के विभिन्न आयाम पर विमर्श होगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हिन्दी भाषा के लोकव्यापीकरण में मील का पत्थर साबित होगा। श्री चौहान ने सभी से हिन्दी के प्रति लगाव को हर स्तर पर प्रदर्शित करने का आव्हान किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन की व्यवस्था का जायजा लेने के दौरान कहा कि यह सम्मेलन हिन्दी के प्रति सारे भ्रम दूर करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दी ज्ञान, विज्ञान और तकनीक की भाषा है। उन्होंने कहा कि बड़े गर्व की बात है कि देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश को दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आतिथ्य का सौभाग्य मिला है। यह सम्मेलन 10 से 12 सितम्बर तक भोपाल के लाल परेड मैदान में होगा। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार के सहयोग से सम्मेलन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर होने वाला यह तीसरा सम्मेलन है, जो 32 वर्षों के बाद अपने देश में हो रहा है। इसमें देश-विदेश के हिन्दी के उदभट् विद्वान और हिन्दी प्रेमी शामिल होंगे। वे हिन्दी के प्रसार के 16 आयाम पर व्यापक विचार-विमर्श कर हिन्दी के लोकव्यापीकरण के प्रयासों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सुखद संयोग है कि सम्मेलन हमारे प्रदेश में उस समय हो रहा है जब पूरी दुनिया ने हिन्दी की महत्ता को समझा और पहचाना है। अब अन्य देश के लोग भी हिन्दी सीख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी न केवल भारत की राजभाषा है बल्कि भारत के माथे की बिन्दी है। हिन्दी राष्ट्रीय अस्मिता और देश के स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि हिन्दी के प्रति लगाव को हमें हर स्तर पर प्रदर्शित करना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि हमारा यह साझा प्रयास हमारी भावी पीढ़ियों के भाषाई संस्कारों को और मजबूती देगा।