आई एन वी सी,
भोपाल,
डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर राष्ट्रीय सम्मान 2012-13 प्रसिद्ध पुरातत्व वैज्ञानिक प्रो. धरमपाल अग्रवाल को दिया जायेगा। सम्मान समारोह 15 मार्च को उनके गृह नगर उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आयोजित किया गया है। सम्मान स्वरूप उन्हें 2 लाख रुपये की राशि, सम्मान-पटि्टका और शाल-श्रीफल भेंट की जायेगी। प्रसिद्ध पुरातत्वविद् एवं वैज्ञानिक प्रो. धरमपाल अग्रवाल वर्षों से शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कश्मीर, सेन्ट्रल हिमालय और राजस्थान में पुरातत्व शोध से संबंधित कार्य किया है। पुरातत्व के क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययन के लिए श्री अग्रवाल को प्रसिद्धि मिली है। श्री अग्रवाल वर्ल्ड आर्क्योलॉजी तथा एन्थ्रोपोलॉजी के सलाहकारी सदस्य हैं। आपने मेन एण्ड एनवायर्मेंट का भी सम्पादन किया है। श्री अग्रवाल केन्द्रीय सलाहकार परिषद्, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सदस्य के साथ-साथ विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से सम्मबद्ध रहे हैं। आप राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ नासा, फेलो तथा वर्तमान में निदेशक, लोक विज्ञान केन्द्र, अल्मोड़ा के रूप में अविरल शोध कार्य कर रहे हैं। पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फण्डामेंटल रिसर्च, बाम्बे, फिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री अहमदाबाद में महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ रहे हैं। श्री अग्रवाल ने पुरातत्व के रेडियोकार्बन डेटिंग तथा प्रागैतिहासिक तथा पुरा ऐतिहासिक कालगणना टियल विधि से कर अलग पहचान बनाई है। श्री अग्रवाल ने पुरातत्व से संबंधित 20 पुस्तकें लिखी हैं। उनके लगभग 250 शोध-पत्र पुरातत्व के विभिन्न विषयों पर प्रकाशित हुए हैं। प्रो. धरमपाल अग्रवाल को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान दिए जाने की अनुशंसा ज्यूरी ने की है। ज्यूरी में दिल्ली के प्रो. बी.एम. पाण्डे, डेक्कन कॉलेज के पूर्व निदेशक प्रो. एम.के. धवलीकर, गोहाटी के प्रो. आर.डी. चौधरी तथा विक्रम विश्वविद्यालय की प्रो. सुष्मिता पाण्डे सदस्य थी।
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