देश में चल रहे किसान आंदोलन और गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद सियासी पारा सातवें आसमान पर है ऐसे में संसद के बजट सत्र के खासे हंगामेदार रहने के आसार हैं। इसके शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने गुरुवार को कहा कि 16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे।
दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों में संयुक्त अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होती है। लेकिन कांग्रेस ने इसका बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। वहीं इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किए जाने से पहले कहा कि उन्हें आशंका है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लीपापोती करके सुनहरी कहानी गढ़ने का प्रयास करेंगी। पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप भी लगाया कि कोरोना संकट से पहले अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि साल 2020-21 का अंत नकारात्मक वृद्धि के साथ होगा। साल की शुरुआत में लगाए गए अनुमान के अनुसार एक भी आंकड़ा हासिल नहीं हो पाएगा। गौरतलब है कि इस बार कोरोना महामारी की वजह से संसद की कई परंपराओं को दरकिनार करते हुए नए ‘प्रोटोकोल’ के हिसाब से संसद का बजट सत्र चलेगा। ऐसा पहली बार ही होगा कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी सदस्य ‘सेंट्रल हॉल’ के अलावा लोक सभा और राज्य सभा में बैठेंगे। इससे पहले तक अभिभाषण के दौरान सभी सदस्य ‘सेंट्रल हॉल’ में ही बैठते थे। PLC.