कविताएँ : कवि मणि मोहन

कविताएँ  

माथे से बहता हुआ पसीना
कभी – कभी
होंठों तक आ जाता है
कभी – कभी
गालों तक लुढ़कते हुए आँसू भी
आ जाते हैं होंठों तक
कभी – कभी
ऐसे ही बहते – बहते
आ जाता है ख़ून भी
होंठों तक
ऐसे भी कभी – कभी
आता है होंठों तक
नमक का स्वाद
कभी – कभी
ऐसे ही आ जाती है
कविता की भाषा भी
होंठों तक ।

बर्तन गिरने की आवाज़ें

उसके हाथों से छूटकर
खूब गिरते हैं बर्तन
कभी आँगन तो कभी किचिन में
फर्श पर गिरने के बाद
हर बर्तन की
अपनी एक ख़ास आवाज़
और फिर उसकी खिलखिलाहट
शुरू-शुरू में बड़ी झल्लाहट होती थी
फिर धीरे-धीरे
मैं भी अभ्यस्त हो गया
इन आवाज़ों का
अभ्यस्त ही नहीं
बल्कि सिद्ध हो गया ..
अब तो हालत यह है
कि वहां से आती है कोई आवाज़
और यहाँ किताब पढ़ते-पढ़ते
मैं उस बर्तन का नाम बता देता हूँ
धीरे – धीरे ही सही
पर अब जान गया
इसमें कुछ भी अजीब नहीं
हमारे हाथों से भी तो छूटती हैं चीजें
कभी कलम
कभी चश्मा
तो कभी कोई किताब
अब देखो न
कविता लिखते हुए ही
छूट जाते हैं
कितने ही जरूरी
शब्द , प्रतीक , बिम्ब , मिथक और विचार
छूट जाता है कभी वक्त
तो कभी अर्थ छूट जाता है
कभी – कभी तो हद हो जाती है
कविता लिखते हुए
हाथों से फिसल जाती है
पूरी की पूरी कविता
जैसे एक दिन किचिन में
उसके हाथों से फिसल कर गिरा था
पानी से भरा हुआ
मिट्टी का घड़ा
और फिर
कई कई दिनों तक
मन में बनी रहती है
छूटी हुई कविता की अनुगूँज ।

रूपान्तरण

हरे पत्तों के बीच से
टूटकर बहुत ख़ामोशी के साथ
धरती पर गिरा है
एक पीला पत्ता
अभी – अभी एक दरख़्त से
रहेगा कुछ दिन और
यह रंग धरती की गोद में
सुकून के साथ
और फिर मिल जायेगा
धरती के ही रंग में
कितनी ख़ामोशी के साथ
हो रहा है प्रकृति में
रंगों का यह रूपान्तरण ।

हत्यारे

अकसर निःशस्त्र ही आते हैं
हत्यारे
हम ही ड़ाल देते हैं
अपने हथियार
और मारे जाते हैं
उनके हाथों
अपने ही हथियारों से ।

किताब

कभी पढ़ी
कभी बन्द की
तो कभी फिर बैठ गए खोलकर
यह किताब है या तुम हो !
कभी – कभी तो
एक भी पंक्ति
समझ में नहीं आती
पर मैं प्रेम करता हूँ
किताब से
तुम से ।

____________

drmanimohanmehtapoetmanimohanwritermanimohanपरिचय

मणि मोहन

शिक्षक ,लेखक एवं विचारक

असि. प्रोफ़ेसर अंग्रेजी , राजकीय विद्यालय गंज बासोदा, म.प्र.

निवास – गंज बासोदा म.प्र

_________________

._____________________

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here