सामाजिक तौर पर, बचत की आदत हममें से अधिकांश को होती है। भारत सरकार भी कर फायदे देकर बचत को बढ़ावा देती है, यदि करदाता विशेष बचत योजनाओं में धन का निवेश करे। अधिकांश करदाता एलआईसी, पीपीएफ, पीएफ, गृह ऋण की वापसी इत्यादि में निवेश के द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत कर फायदों का लाभ लेते रहे हैं। 80सी के तहत आने वाली सभी योजनाओं में निवेश के लिए कटौती की कुल सीमा रु. 1,50,000/- तक सीमित है। जैसे कि एक पुरानी कहावत है, ‘‘किसी को सारे अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिए’’, निवेश में समझदारी सुनिश्चित करने के लिए अन्य कर बचत निवेश विकल्पों की खोज करने की सलाह दी जाती है।
आइए वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कुछ कम प्रचारित निवेश योजनाओं पर एक नजर डालें।
सुकन्या समृद्धि खाताः
सरकार के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अनुरूप, ‘‘सुकन्या समृद्धि खाता’’ नाम से ज्ञात एक नई योजना आरंभ की गई है जो एक लड़की के लिए जमा योजना है। करदाता इस खाते में, कम से कम रु. 1000/- से अधिकतम रु. 1,50,000/- प्रति वर्ष का निवेश कर सकता है। इस खाते पर वर्तमान में 9.1ः वार्षिक ब्याज मिलता है।
यूलिपः
यूलिप का अर्थ ‘‘यूनिट संबद्ध बीमा योजना’’ है जिसमें इक्विटी निवेश के साथ जीवन बीमा का दोहरा लाभ शामिल होता है। यह एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है क्योंकि यह अच्छा प्रतिफल भी देता है। एक पूर्व-शर्त यह है कि पॉलिसी स्वयं, पति/पत्नी या किसी बच्चे के जीवन पर ली गई हो।
जैसा कि म्यूचुअल फंडों के लिए किया जाता है, इसमें बीमा प्रदाता द्वारा एकत्रित किए गए प्रीमियम को विभिन्न बाजार निवेशों (इक्विटी और ऋण) में विभिन्न अनुपात में निवेश किया जाता है और बदले में यूलिप धारक को यूनिट आबंटित किए जाते हैं और प्रत्येक यूनिट का निवल संपत्ति मूल्य दैनिक आधार पर घोषित होता है। यह विकल्प युवा करदाताओं के लिए अधिक उपयुक्त है क्योंकि वे लंबी अवधि में बाजार के बढ़त रूझान से लाभ उठा सकते हैं जो मुद्रास्फीति को कम कर सकता है।
ईएलएसएसः
ईएलएसएस का अर्थ है ‘‘इक्विटी संबद्ध बचत योजना’’। मूलतः यह म्यूचुअल फंड में निवेश है, एक बार इस योजना को अपनाने पर आप निवेश की तिथि से तीन वर्ष के अंदर इस निवेश का विमोचन (बिक्री) नहीं कर सकते। इसमें दो विकल्प उपलब्ध हैं – 1) जो निवेशक अपनी संपत्ति को अधिकतम बढ़ाना चाहें वे ग्रोथ विकल्प अपना सकते हैं, 2) जो निवेशक स्थिर आय चाहें, वे डिविडेंड विकल्प अपना सकते हैं।
म्यूचुअल फंड कंपनियां सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयरों में रकम का निवेश करती हैं, ईएलएसएस से संभावित प्रतिफल अन्य उपलब्ध विकल्पों की तुलना में काफी अच्छा होता है। 12 महीने से अधिक तक धारित ईएलएसएस की बिक्री पर लाभ और ईएलएसएस से अर्जित लाभांश भी कर से मुक्त है। यह विकल्प भी युवा करदाताओं के लिए अधिक उपयुक्त है क्योंकि वे लंबी अवधि में बाजार के बढ़त रूझान से लाभ उठा सकते हैं जो मुद्रास्फीति को कम कर सकता है।
डाकघर में एनएससी और केवीपीः
राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) और किसान विकास पत्र (केवीपी) छोटे निवेश के प्रयोजन से मुख्य रूप से प्रयोग किए जाने वाले बचत बांड हैं। ये बांड 5 या 10 वर्ष की परिपक्वता अवधि के साथ डाकघरों में उपलब्ध हैं। पुनश्च अल्पकालीन ऋणों का लाभ लेने के लिए इन बांडों को बैंकों के पास बंधक रखा जा सकता है। अर्जित ब्याज का पुनः निवेश अन्य स्रोत से आय के रूप में कर योग्य है, हालांकि यह ब्याज 80सी के तहत कटौती योग्य है।
आस्थगित वार्षिक योजना में योगदानः
सामान्य बोल-चाल में, यह 80सी कटौती के लिए पात्र मानक पेंशन योजना है। आस्थगित वार्षिक योजना के दो चरण हैंः बचत चरण और आय चरण। पहले चरण के दौरान आपको वार्षिक योजना में निवेश करना है। दूसरे चरण में, आप लाभों सहित भुगतान प्राप्त करेंगे। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आय के चरण में प्राप्त मासिक वार्षिकी (पेंशन) अन्य स्रोत से आय के रूप में कर योग्य है। एचडीएफसी स्टेंडर्ड लाइफ, एलआईसी की जीवन सुरक्षा इत्यादि आस्थगित वार्षिक योजनाओं के कुछ ज्ञात उदाहरण हैं।
बांडों और जमाओं में निवेशः
इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों द्वारा जारी बांड प्रचलित तौर पर ‘इंफ्रा बांड’ के रूप में जाने जाते हैं। इन बांडों में निवेश 80सी के तहत कटौती योग्य है। ये बांड भी अच्छा प्रतिफल देते हैं और इसीलिए ये आपके लिए एक कारगर निवेश विकल्प हो सकते हैं।
पुनश्च, अनुसूचित बैंकों में 5 वर्ष की जमा या डाकघर मियादी जमा जैसे एफ.डी. भी उपलब्ध हैं। हालांकि, इन बांडों और जमाओं पर ब्याज अन्य स्रोतों से आय के रूप में कर योग्य हैं।
ट्यूशन शुल्कः
वर्तमान समय में, शिक्षा की लागत तेजी से बढ़ रही है। एक छोटी राहत यह है कि, आपके बच्चे के किसी पूर्णकालिक शिक्षण ग्रेड के लिए स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान को किया गया आपका भुगतान 80सी के तहत कटौती का पात्र है। हालांकि, कुल चुकाई गई फीस में से, केवल शिक्षण शुल्क ही 80सी के तहत कटौती का पात्र है और अन्य घटक जैसे लाइब्रेरी शुल्क, जिमखाना शुल्क, पार्किंग शुल्क इत्यादि कटौती के लिए पात्र नहीं हैं।
गृह ऋण मूलधन वापसीः
गृह ऋण वापसी के लिए मासिक ईएमआई के दो भाग होते हैं यथा ब्याज और मूलधन। आपको पता होगा कि गृह ऋण पर चुकाया गया ब्याज मकान संपत्ति से आय के तहत कटौती योग्य है जबकि मूलधन भाग के भुगतान पर भी 80सी के तहत दावा किया जा सकता है।
मकान की संपत्ति पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्कः
अधिकांश करदाताओं को पता नहीं है किंतु मकान के अधिग्रहण के समय स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य खर्च के लिए चुकाई गई रकम भी 80सी के तहत कटौती योग्य है।
अभी हम नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में हैं और हमें विश्वास है कि ऊपर बताए गए सुझाव प्रतिफल और कर बचत को बढ़ाने के लिए विवेकपूर्ण निवेश करने में आपकी मदद करेंगे। अधिक सहायता के लिए आप हमारी मोबाइल ऐप सेवा ‘प्रश्न पूछें’ के माध्यम से हमारे कर विशेषज्ञ को भी लिख सकते हैं। हम आपके लिए एक समृद्ध नए वित्तीय वर्ष की कामना करते हैं।
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