वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आम बजट 2011-12 में सामाजिक सरोकारों का पूर्ण ध्यान रखते हुए भारतीय समाज के हरेक वर्ग के प्रति सरकार के दायित्वों के सही निर्वहन के लिए भरसक कोशिश की है। विभन्न योजनाओं के लिए जहां धन का आबंटन बढ़ाते हुए इनका दायरा बढ़ाया है, वहीं कई ऐसी नई योजनाओं को लागू करने की घोषणा की है, जिनसे समाज के हरेक वर्ग का कल्याण सुनिश्चित हो सके। आम बजट 2011-12 में घोषित योजनाओं में वृद्धजनों, वेतनभोगियों, बच्चों, युवाओं, श्रमिकों, किसानों एवं गरीब तथा कमजोर आय वर्ग के लोगों के प्रतिपर्याप्त संवेदनशीलता प्रकट करते हुए इन वर्गों के लोगों के कल्याण के लिए कई तरह के कारगर कदम उठाने की घोषणा की है। ऐसी ही कुछ प्रमुख घोषणाओं का यहां जिक्र किया जा रहा है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सरकार पूरे भारतीय समाज के उत्थान के लिए कृतसंकल्प है ।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे वृद्धों के लिए
वर्ष 2011-12 के आम बजट में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे वृद्धजनों के लिए मौजूदा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत व्यक्ति अर्हता 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष करने का प्रस्ताव किया है, जो 80 वर्ष या इसके अधिक आयु के हैं, उनके लिए पेंशन 200 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किए जाने का प्रस्ताव है।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए
आम बजट 2010-11 में स्वावलंबन नामक एक सह-अंशदायी पेंशन योजना की घोषणा की थी, जिसकी असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने काफी प्रशंसा की थी। अब तक इस योजना में 4 लाख से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर बजट 2011-12 में निकास मानकों में छूट दी जा रही है, जिसके द्वारा स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत किसी भी अंशदाता को 60 वर्ष के बजाय 50 वर्ष या 20 वर्ष की न्यूनतम अवधि, इनमें से जो भी परवर्ती हो, के बाद निकासी की अनुमतिहोगी। वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 के दौरान स्वावलंबन योजना में नामांकित हो चुके सभी अंशधारकों को तीन से पांच वर्षों तक सरकारी अंशदान का फायदा देने का प्रस्ताव है। जैसा किअनुमान है मार्च 2012 तक 20 लाख लाभार्थी इस योजना में शामिल होंगे।
गरीब और सीमान्त मजदूरों के लिए
वर्ष 2011-12 के बजट प्रस्तावों में कहा गया है किगरीब और सीमान्त मजदूरों को प्राथमिक स्वास्थ्य बीमा रक्षा आवरण मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना एक कारगर साधन बन कर उभरी है। अब इसका विस्तार महात्मा गांधी नरेगा लाभार्थियों, बीड़ी कामगारों तथा अन्य तक किया जा रहा है। वर्ष 2011-12 में जोखिम भरे खनन तथा स्लेट और स्लेट पेंसिल, डोलोमाइट, माइका और एसबेस्टेस आदि संबद्ध उद्योगों में काम कर रहे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी इसके अंतर्गत लाने के लिए इस योजना का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा के श्रमिकों के लिए
आम बजट वर्ष 2011-12 के प्रस्तावों में 100 रुपए की वास्तविक दैनिक मजदूरी दिलाने के बारे में पिछली बजट योजना के अनुसरण में सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा(मनरेगा) के तहत कृषिश्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है । इससे 14 जनवरी, 2011 को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित मजदूरी बढ़ गई है । इसके फलस्वरूप देश भर में लाभार्थियों की मजदूरी में वृद्धिहुई है। इस योजना के तहत मनरेगा में काम करने वाले लाखों कृषि श्रमिकों को लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धिहोगी और जीवन स्तर में सुधार आएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायक, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना का आधार हैं । आम बजट 2011-12 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आंगनबाड़ी सहायकों का मेहनताना बढ़ाकर क्रमश: 1,500 रुपए से 3,000 रुपए तथा 750 रुपए से 1,500 रुपए प्रतिमाह करने की घोषणा की, जो पहली अप्रैल, 2011 से लागू होगी । देश भर में करीब 22 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायक इस वृद्धिसे लाभान्वित होंगे ।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए
आम बजट 2011-12 में पहली बार अनुसूचित जातिउपयोजना तथा अनुसूचित जनजातीय उपयोजना के लिए विशेष आबंटन निर्धारित किए गए हैं । इन्हें संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों के बजट में अलग लघु लेखा शीर्षों के अंतर्गत दर्शाया जाएगा । इसके अलावा जनजातीय वर्गों के लिए वर्ष 2010-11 में किए गए 185 करोड़ रुपए के बजट आबंटन को बढ़ाकर वर्ष 2011-12 में 244 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया। 9वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले अनुसूचित जातिएवं अनुसूचित जनजातिके जरूरत मंद छात्रों के लिए छत्रवृत्तिका प्रावधान रखा है। इससे करीब 40 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
युवाओं के लिए
वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आम बजट 2011-12 प्रस्तुत करते हुए कहा कि विकसित देशों की तुलना में अपेक्षाकृत युवा आबादी का हमारा ‘ जनसांख्यिकी लाभांश’ चुनौती से कहीं बढ़कर एक अवसर है । वर्ष 2025 में 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय काम-काजी आयु के होंगे । इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा सबके लिए सुलभ बनाना, उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में हमारे विद्वानों की प्रतिशतता बढ़ाना और कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था करना आवश्यक है । इस उद्देश्य की प्राप्तिके लिए 52,057 करोड़ रुपए के आबंटन का प्रस्ताव किया, जो मौजूदा वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है । इससे युवा पीढ़ी को शिक्षा प्राप्त करने और कौशल विकास में काफी सहायता मिलेगी। राष्ट्रीय दक्षता कोष के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है।
व्यक्तिगत करदाताओं के लिए
आम बजट 2011-12 में व्यक्तिगत करदाताओं की सामान्य श्रेणी के लिए छूट सीमा इस वर्ष 1,60,000 रुपये से बढ़ाकर 1,80,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इस उपाय से इस श्रेणी के हर करदाता को 2,000 रुपये की एक समान कर राहत मिलेगी। इसी के साथ वरिष्ठ नागरिकों की अर्हक आयु 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष और छूट सीमा 2,40,000 रुपये से बढ़ाकर 2,50,000 रुपये तथा बहुत वरिष्ठ नागरिकों 80 वर्ष एवं उससे अधिक की एक नई श्रेणी का सृजन, जो 5,00,000 रुपये की उच्चतर छूट सीमा की हकदार होगी, का भी प्रस्ताव किया गया है। बचतों को प्रोत्साहित करने और आधारभूत ढांचे के लिए निधियां जुटाने के लिए केन्द्र सरकार ने 2010-11 में दीर्घावधिक अवसंरचना बांडों में निवेश के लिए 20,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती की अधिसूचना जारी की थी । इसे और एक वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
ग्रामीणों के लिए
वित्त मंत्री श्री मुखर्जी ने आम बजट 2011-12 के प्रस्तावों में कहा है किग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) बैंक निधियों को ग्रामीण अवसंरचना के वित्त पोषण में लगाने का एक प्रमुख माध्यम है, जो राज्य सरकारों के बीच भी लोकप्रिय है। इस बजट में आरआईईडीएफ की मूल निधि को मौजूदा वर्ष में 16,000 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 2011-12 में 18,000 करोड़ रूपए करने का प्रस्ताव किया। वर्ष 2011-12 के लिए ग्रामीण बैंकों के वित्तीय प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रूपए की व्यवस्था का प्रस्ताव किया, ताकि वे 31 मार्च, 2012 की स्थिति के अनुसार कम से कम 9 प्रतिशत पर सीआरएआर रखने में समर्थ हों।
गरीबों के लिए
आम बजट 2011-12 में प्रस्ताव किया गया है कि देश में भूख और कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को अंतिम रूप दिया जाएगा। । वर्ष 2011-12 में सामाजिक क्षेत्र में 1,60,887 करोड़ रुपए के आबंटन का प्रस्ताव है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है और कुल आयोजना आबंटन का 36.4 प्रतिशत है। केरोसीन (मिट्टी का तेल), रसोई गैस सिलेंडर और उर्वरक पर गरीबों को सीधे नकद अनुदान देने की घोषणा भी इस बजट में की गई है।
वेतनभोगियों के लिए
आम बजट 2011-12 में वेतनभोगियों को हर वर्ष आयकर रिटर्न भरने की जटिल प्रक्रिया से राहत प्रदान की है। इसके लिए वेतनभोगी की आय का अन्य कोई स्रोत नहीं होना चाहिए, साथ ही वेतन टीडीएस के दायरे में आता हो। इसके लिए सरकार एक अधिसूचना जारी करेगी, जिसमें इस वर्ग के लोगों के बारे में बताया जाएगा, जिन्हें आय कर रिटर्न भरने से छूट मिलेगी।
निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए
वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने गरीब परिवारों को राजीव आवास योजना के तहत आवास ऋण की गारंटी प्रदान करने के लिए गारंटी कोष के गठन का प्रस्ताव किया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के परिवारों को बैंकों से आवास ऋण हासिल करने में आने वाली दिक्कतें काफी कम हो जाएंगी।
बच्चों के लिए
बच्चों को विद्यालय की शिक्षा के साथ दसवीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आम बजट 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान का आबंटन पिछले वर्ष की अपेक्षा 40 प्रतिशत बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपए किया है। इससे बच्चों के शिक्षा प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे और शिक्षित होने में काफी मदद मिलेगी।
किसानों के लिए
छोटे किसानों को भी जरूरत पड़ने पर ऋण मिल जाए, इसके लिए किसानों को दिए जाने वाले कर्ज में एक लाख करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी करने के साथ ही उस पर ब्याज की दर 1 प्रतिशत कम की गई है। यह फायदा उन किसानों को मिलेगा, जो वक्त से अपना कर्जा चुकाएंगे यानी वक्त पर ऋण चुकाने पर 7 की बजाय 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा। पहले वक्त पर कर्जा चुकाने पर 2 प्रतिशत की राहत मिलती थी। दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्षा सिंचित क्षेत्रों में 60 हजार दलहन गांवों को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव इस बजट में रखा गया है। इसी तरह ऑयल पाम क्षेत्र पर जोर देते हुए इसके लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इससे 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
इस तरह आम बजट 2011-12 के प्रस्तावों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट रूप से नजर आता है कि वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आम बजट 2011-12 में भारतीय समाज के हरेक वर्ग का खास ध्यान रखा है तथा प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए सरकार के सकारात्मक व्यवहार का परिचय देते हुए लाभकारी उपायों और नीतियों की घोषणा की है । इससे सभी वर्ग के लोगों को अपना स्तर सुधारने के लिए सही अवसर मिलेंगे और उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ने में मदद भी मिलेगी ।
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* मीडिया तथा संचार अधिकारी, पत्र सूचना कार्यालय, नई दिल्ली