” एसडीएम ने जारी किए निर्देश ”
” 52 अवैध कालोनियों पर लगाई जा चुकी है रोक ”
आई एन वी सी ,
भोपाल,
ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से कालोनी बसने पर अब सरपंच और सचिव नप सकते हैं। ेइन्हें धारा 40 के तहत कार्रवाई करते हुए पद से हटाया जाएगा। यह निर्देश अनुविभागीय अधिकारी हुजूर ग्रामीण राजेश श्रीवास्तव ने जनपद पंचायत फंदा के सरपंच-सचिवों के लिए जारी किए। हालांकि पूर्व से ही कालोनी के लिए डायवर्सन व नजूल एनओसी जरूरी है, ऐसा न होने पर अब इसकी पूरी जिम्मेदारी सरपंच-सचिव की होगी।
श्री श्रीवास्तव ने बताया, कालोनी के लिए शासकीय अनुमति न होने के बाद भी सरपंच-सचिव अनुमति दे देते थे। यह सब जवाबदारी तय न होने के कारण हो रहा था। अब ऐसा नहीं होगा। अब इन्हें ही अपने क्षेत्र में बन रही कालोनियों को निगरानी करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन व अनुमति के प्लाट काटकर बेचना, सरपंच द्वारा इसके लिए बाला बाला अनुमति दे देना जैसे कई मामले सामने आने के बाद एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव ने इन कालोनियों में काटे जा रहे प्लाट की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के साथ-साथ रजिस्ट्री व नामांतरण पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके काम धड़ल्ले से चल रहा था।
इधर सस्ती कीमतों में प्लाट मिलने के चलते लोग ाी धड़ल्ले से प्लाट खरीदकर अपना नुकसान कर रहे थे। इन्हीं बस बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एसडीएम श्री श्रीवास्तव ने जनपद पंचायत फंदा के सरपंच व सचिवों को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अवैध कालोनी का निर्माण करने वाले कालोनाईजर/व्यक्तियों द्वारा कालोनाइर्जर लायसेंस, टीएनसीपी स्वीकृत, अनुमोदित अ िान्यास, डायवर्सन आदेश, नजूल अनापत्ति व कालोनी विकास के लिए अनुमति लिए बिना कालोनी का निर्माण शुरू नहीं कर सकेंगे। यह अनुमतियां बहुत जरूरी है। उन्होंने आदेश में कहा है कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिसमें सरपंच व सचिव द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जो नियम विरूद्ध है। उन्होंने सरपंच व सचिवों को निर्देशित किया है कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के अवैध कालोनी निर्माण करने वाले कालोनाइजर पर नजर र ो। शासकीय अनुमति नहीं लेने वालों को पंचायत एनओसी जारी न करें। इसका पालन नहीं करने वालों पर मप्र ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
-यहां लग चुकी है रोक
ग्रामीण क्षेत्र में जहां रोक लगाई गई है, उनमें कलखेड़ा, नीलबड़ , बरखेड़ा नाथू, मेण्डोरी, बेरखेड़ी बाज्या त, रातीबड़, छापरी, पिपलिया जाहिरपीर, पिपलिया बाज खां, चौपड़ा कलां, इमलिया, इस्लामनगर, अरवलिया, घाटखेड़ी, चीचली, मुगालिया कोट, खामखेड़ा, बंगरसिया, मुगालिया कोट, रसूलिया पठार, कुराना, खामखेड़ा व मोरगा में बन रहीं थी। खास बात तो यह है कि इन कालोनियों का निर्माण नामचीन बिल्डर व कॉलोनाईजर करवा रहे थे।
-होगी कार्रवाई
ग्रामीण क्षेत्रों में जो कालोनियां अवैध रूप से बन रही थीं, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। 52 ऐसी अवैध कालोनियों पर अब तक रोक लगाई जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कालोनियां काटने की बात सामने आती है तो सरपंच-सचिव पर धारा ४० के तहत कार्रवाई की जाएगी।
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र हुजूर