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प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने आज यहां 11वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन में उन्होंने कहा कि घरेलू कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद, हमें पूरा भरोसा है कि हमारे आर्थिक मूलतंत्र जिनके पीछे हमारी सोची-समझी नीतियां हैं, अर्थव्यवस्था फिर से तेज रफ्तार वाले मार्ग पर लौट सकेगी। यह हमारे लिए जरूरी है क्योंकि हम, खासतौर से युवा भारत की महत्वकांक्षाओं को जल्दी पूरी करने के लिए एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था चाहते हैं और हम चाहते हैं कि हमारा आर्थिक विकास अधिक समावेशी और सतत बने। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने हाल ही में घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ाने, परियोजना कार्यान्वयन तेज करने और पूंजी बाजार तथा कर व्यवस्था में सुधार लाने के अनेक उपाय किए हैं। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयलार रवि ने घोषणा की कि प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) और भारतीय मूल के व्यक्तियों का कार्ड (पीआईओ) का विलय शीघ्र ही वास्तविकता बन सकती है। उन्होंने कहा कि पीबीडी विश्व के भारतीयों के लिए एक मंच बनने में सफल हो रहा है। उन्होंने प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके मंत्रालय ने फिनलैंड, कनाडा, जापान और स्वीडन के साथ सामाजिक सुरक्षा के चार समझौते किए हैं। ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल के साथ दो और सामाजिक सुरक्षा समझौते अगले कुछ महीनों में किए जाएंगे। श्री रवि ने कहा कि मंत्रालय ने भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्लूएफ) की स्थापना की है जिसका विस्तार सभी भारतीय मिशनों में किया गया है। इसके तहत उन भारतीयों की रिहाई के लिए दंड का भुगतान किया जाता है, जो बिना किसी गलती के जेल में हैं और स्थानीय प्रवासी भारतीय एसोसिएशनों को प्रवासी भारतीय समुदाय केंद्र बनाने तथा भारतीय छात्रों के लिए कल्याण केंद्रों की स्थापना में मदद दी जाती है। समारोह के मुख्य अतिथि मारीशस के राष्ट्रपति महामहिम राजकेश्वर प्ररूयाग ने कहा कि भारत और मारीशस ने दिवपक्षीय संबंध बहुत पुराने है। दिवपक्षीय व्यापार और निवेश की और संभावनाएं है। उन्होंने सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गदर आंदोलन पर एक डाक टिकट और दो पुस्तिकाएं भी जारी की