आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
साहित्य हमारे जीवन की वह सौगात है जिसके बिना हम जीवन सोच भी नहीं सकते या यूँ कहे की यह हमारे जीवन में ऑक्सीजन का काम करती है। हम किसी भी आर्टिस्ट चाहे वो लेखक हो, गीतकार हो, पेंटर हो, उसे उसके काम के हिसाब से पसंद करते है न की किसी धर्म या रंग भेद के, साहित्य अपने आप में ही बहुत ताकतवर है जो आपको तराशता है यह कहना था मारवाह स्टूडियो में आयोजित चौथे ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल ऑफ़ नॉएडा के उद्घाटन के अवसर पर लेखक असगर वजाहत का।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री रामदास अठावले, मंगोलिया के भारत में राजदूत गोंचिग गनबोल्ड, वेनेज़ुएला के भारत में राजदूत अगस्तो मोंटियल, छत्तीसगढ़ के पूर्व गवर्नर के. एम. सेठ, लेखिका भारती प्रधान उपस्थित हुए।
इस अवसर पर रामदास अठावले ने कहा की हमारा साहित्य हमारे जीवन की वो पूंजी है जिसे जितना खर्च करो उतना ही बढ़ती जाती है हमारा हिंदी साहित्य जितना विशाल है उतना ही विशाल हमारे कवियों, लेखकों का हृदय भी विशाल है। इस अवसर पर मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने कहा आज जो यहाँ चर्चा चल रही है यह आपको गूगल या पुस्तक में नहीं मिलेगी और जो छात्र इसे ग्रहण कर लेगा वो एक नए साहित्य की रचना कर सकता है। साहित्य का जितना प्रचार सिनेमा ने किया है उतना किसी और क्षेत्र ने नहीं किया है।
राजदूत अगस्तो मोंटियल ने कहा मुझे इस समारोह में आकर बहुत खुशी हुई। आज पूरे विश्व को शांति की जरूरत है और शांति तभी आ सकती है जब एक देश दूसरे देश की संस्कृति व साहित्य के बारे में जाने। राजदूत गोंचिग गनबोल्ड ने कहा भारत की संस्कृति बहुत विशाल है और आज के लेखकों में जितनी आधुनिकता भारतीय लेखकों में है उतनी कहीं नही मिलती।
इस अवसर पर रामदास अठावले को अटल बिहारी वाजपेयी नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया, साथ ही अशोक कुमार हालदार की पुस्तक द डाइवर्सिफाए लाइफ जर्नी ऑफ़ ह्यूमन बींग, भारती प्रधान की एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा पर लिखित पुस्तक द डार्क हॉर्स और जितेंद्र प्रसाद सक्सेना की द जेनिथ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
समारोह के पहले दिन भारत के कई राज्यों से साहित्यकार उपस्थित हुए और अपने अपने विचार रखे। इस अवसर पर कई सेमीनार, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक, विदेशी भाषाओं में कविताएं, पेटिंग प्रदर्शनी के साथ साथ छात्रों द्वारा कई रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।