दिल्ली,
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि महंगाई, भ्रष्टाचार और अनधिकृत कालोनीवासियों के साथ किये गये झूठे वायदों से आम जनता का ध्यान अन्यत्र बंटाने के लिए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित स्वंय तथा अपने मंत्रियों के माध्यम से पत्रकार वार्तायें आयोजित करके दिल्लीवासियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं।
यह प्रयास वे लोकायुक्त द्वारा राष्ट्रपति महोदय को लिखी गई चिट्ठी के बाद भी कर रही हैं। चिट्ठी में लोकायुक्त ने राष्ट्रपति महोदय को दोबारा लिखा है कि वे मुख्यमंत्री को चुनाव के दिनों मंे जनता से झूठे वायदे करने के खिलाफ सख्त हिदायत दें कि वे ऐसा न करें। हार के भय से हतशा और निराश कांग्रेस सरकार, कांग्रेस पार्टी, मुख्यमंत्री तथा उसके मंत्रिगण हर रोज दिल्लीवासियों से झूठे दावे कर रहे हैं।
डाॅ. हर्श वर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर उनके तीन मंत्रियों ने पत्रकार वार्ता करके अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले 50 लाख लोगों से एक बार फिर झूठ बोला है। सरकार का कहना है कि उसने 895 कालोनियां नियमित कर दी हैं लेकिन सरकार के मंत्रियों ने यह नहीं बताया कि यदि कालोनियां नियमित हो गई तो इनके निवासियों को स्थायी नियमितीकरण प्रमाण पत्र क्यों नहीं सरकार जारी कर रही है ? इन कालोनियों में रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही है ? यहां निर्माण कार्य तो दूर मामूली मरम्मत कराने पर भी राजस्व विभाग और पुलिस के लोग जबरिया वसूली क्यों कर रहे हैं ?
उन्होंने कहा कि सरकार के ही आंकड़े गवाह हैं कि दिल्ली की सभी मंडियों में प्याज, आलू, टमाटर तथा अन्य सब्जियों की आमद मांग से अधिक है फिर भी हर सब्जी के दाम में आग क्यों लगी हुई है ? क्या सरकार जमाखोरों और मुनाफाखोरों को प्रश्रय नहीं दे रही है ? यदि दिल्ली में सरकार नाम की चीज होती तो अब तक जमाखोरों और मुनाफाखोरों को जेल में होना चाहिए था। सरकार की इनसे मिलीभगत है इसीलिए मुनाफाखोरों और जमाखारों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने आज तक कोई भी छापेमारी की कार्रवाई नहीं की है। सब्जी मंडियों का प्रशासन दिल्ली सरकार के हवाले है। पूरा तंत्र बिका हुआ है। इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। महंगाई और भ्रश्टाचार की कीमत मतदाता कांग्रेस को हराकर वसूलेंगे।
यह प्रयास वे लोकायुक्त द्वारा राष्ट्रपति महोदय को लिखी गई चिट्ठी के बाद भी कर रही हैं। चिट्ठी में लोकायुक्त ने राष्ट्रपति महोदय को दोबारा लिखा है कि वे मुख्यमंत्री को चुनाव के दिनों मंे जनता से झूठे वायदे करने के खिलाफ सख्त हिदायत दें कि वे ऐसा न करें। हार के भय से हतशा और निराश कांग्रेस सरकार, कांग्रेस पार्टी, मुख्यमंत्री तथा उसके मंत्रिगण हर रोज दिल्लीवासियों से झूठे दावे कर रहे हैं।
डाॅ. हर्श वर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर उनके तीन मंत्रियों ने पत्रकार वार्ता करके अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले 50 लाख लोगों से एक बार फिर झूठ बोला है। सरकार का कहना है कि उसने 895 कालोनियां नियमित कर दी हैं लेकिन सरकार के मंत्रियों ने यह नहीं बताया कि यदि कालोनियां नियमित हो गई तो इनके निवासियों को स्थायी नियमितीकरण प्रमाण पत्र क्यों नहीं सरकार जारी कर रही है ? इन कालोनियों में रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही है ? यहां निर्माण कार्य तो दूर मामूली मरम्मत कराने पर भी राजस्व विभाग और पुलिस के लोग जबरिया वसूली क्यों कर रहे हैं ?
उन्होंने कहा कि सरकार के ही आंकड़े गवाह हैं कि दिल्ली की सभी मंडियों में प्याज, आलू, टमाटर तथा अन्य सब्जियों की आमद मांग से अधिक है फिर भी हर सब्जी के दाम में आग क्यों लगी हुई है ? क्या सरकार जमाखोरों और मुनाफाखोरों को प्रश्रय नहीं दे रही है ? यदि दिल्ली में सरकार नाम की चीज होती तो अब तक जमाखोरों और मुनाफाखोरों को जेल में होना चाहिए था। सरकार की इनसे मिलीभगत है इसीलिए मुनाफाखोरों और जमाखारों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने आज तक कोई भी छापेमारी की कार्रवाई नहीं की है। सब्जी मंडियों का प्रशासन दिल्ली सरकार के हवाले है। पूरा तंत्र बिका हुआ है। इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। महंगाई और भ्रश्टाचार की कीमत मतदाता कांग्रेस को हराकर वसूलेंगे।