भोपाल । राष्ट्रीय ख्याति के बहुचर्चित अठारहवे अम्बिकाप्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कारों की घोषणा , सोमवार दिनांक 29 फरवरी ,2016 को , साहित्य सदन , 145-ए , साईँनाथ नगर , सी-सेक्टर , कोलार रोड , भोपाल में आयोजित एक साहित्यिक समारोह में की गई । पुरस्कारों की घोषणा इलाहाबाद की प्रसिद्ध कवयित्री एवं लेखिका श्रीमती विजयलक्ष्मी विभा ने की । इक्कीस सौ राशि के दिव्य पुरस्कार – प्रो. सरन घई (कैनेडा ), को उनके उपन्यास “राजद्रोह ,“ श्री स्वप्निल शर्मा (मनावर ) को काव्य संग्रह “ पटरी पर दौडता आदमी “, डा घनश्याम भारती ( सागर ) को निबन्ध संग्रह “शोध और समीक्षा के विविध आयाम “ श्री विजय कुमार ( सिकन्दराबाद ) को कहानी संग्रह “ एक थी माया “ तथा डा नरेन्द्रनाथ लाहा ( ग्वालियर ) को व्यंग संग्रह “व्यंग कथाएँ “ के लिये प्रदान किये जायेंगे । इसके अतिरिक्त श्री प्रबोध कुमार गोबिल ( जयपुर ) को उपन्यास “जल तू जलाल तू “, श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव (मुम्बई) को उपन्यास “रुक्काबाई का कोठा ,” श्री ओशो नीलांचल ( सागर ) को गजल संग्रह “ वक्त का दरिया ,“ सुश्री भावना ( मुजफ्फरपुर ) को गजल संग्रह “शब्दों की कीमत ,“श्री कारूलाल जमडा ( रतलाम ) को नई कविता पुस्तक “वह बजाती ढोल “, श्री रोहित कौशिक ( मेरठ ) को निबन्ध संग्रह “21वीं सदी : धर्म , शिक्षा , समाज और गांधी ,” श्री सगीर अशरफ ( रामनगर ) को निबन्ध संग्रह “ सुगंध मेरे देश की “, श्री आशीष दशोत्तर ( रतलाम ) को कहानी संग्रह “ चे पा और टिटिया “, डा अपर्णा चतुर्वेदी प्रीता (जयपुर ) को कहानी संग्रह “ रेखाओं के पार “ , श्री महेश चन्द्र द्वेदी (लखनऊ) को व्यंग संग्रह “वीरप्पन की मूंछें , “ डा विमल कुमार शर्मा ( भोपाल ) को व्यंग संग्रह “पत्नी पुराण “, श्री वेद प्रकाश कँवर (दिल्ली ) को बाल उपन्यास “कृपाल जंगल का राजा “तथा सुश्री करुणाश्री ( जयपुर ) को बाल कहानी संग्रह “ अपने दीप स्वयं बनो “ को अम्बिका प्रसाद दिव्य प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेगें । इसके अतिरिक्त श्रेष्ठ साहित्य्क पत्रिकाओं के संपादन हेतु “ सोच विचार “ पत्रिका के संपादक श्री नरेन्द्र नाथ मिश्र ( वाराणसी ) वं श्री मुकेश वर्मा ( भोपाल ) को “समावर्तन” पत्रिका के लिये दिव्य प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे । दिव्य पुरस्कारों के संयोजक श्री जगदीश किंजल्क ने इस अवसर पर बताया कि दिव्य पुरस्कारों के लिये इस वर्ष देश विदेश से 144 पुस्तकें प्राप्त हुईं थीं । अठारहवे दिव्य पुरस्कारों के निर्णायक विद्वान हैं श्री हरि जोशी , श्री संतोष खरे , श्री मयंक श्रीवास्तव , श्री राजेन्द्र नागदेव , श्री राग तैलंग , श्रीमती विजयलक्ष्मी विभा , श्री प्रभुदयाल मिश्र , श्री प्रियदर्शी खैरा , श्री के. वी . शर्मा , प्रो. आनन्द त्रिपाठी , एवं श्री जगदीश किंजल्क । साहित्य सदन भोपाल की व्यवस्थापक श्रीमती राजो किंजल्क ने इस अवसर पर बताया कि उन्नीसवे दिव्य पुरस्कारों हेतु भी लेखकों की कृतियाँ आमंत्रित हैं ।