राज्यपाल द्वारा अरूण सतसई पुस्तक का विमोचन

0
57

home_15574आई एन वी सी,
शिमला,
राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह ने आज राजभवन में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी द्वारा लिखित पुस्तक ‘अरूण सतसई’ का विमोचन किया। श्रीमती सिंह ने पुस्तक के प्रकाशन के लिए श्री बाजपेयी के प्रयासों की प्रशंसा की। इस पुस्तक में लगभग 700 दोहों के माध्यम से मानव जीवन के सभी पहलुओं को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रो. बाजपेयी ने पुस्तक में दोहों के माध्यम से विचारशीलता को मौलिक सोच के साथ प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि रचनाकार की इस कृति ने मुख्यतः जीवन के उच्चावचनों, सफलता-असफलताओं, श्रेय और अपश्रेय, अनुरक्ति और विरक्ति तथा अह्लाद एवं विषाद् की कड़ी परत-दर-परत खुलती है। उन्होंने कहा कि कवि ने मानवीय मूल्यों, सामाजिक सम्बन्धों की संवेदनाओं, वर्तमान विकृतियों के साथ प्रीति के विभिन्न स्वरूपों का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि कवि ने भारतीय जीवन पद्धति को जीवन्त रखते हुए आधुनिक जीवन की प्रगतिशीलता का भी निर्वहन किया है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पुस्तक में भाषायी विवाद, विचारधाराओं के द्वन्द, धर्म के मर्म और रहस्यों को भी इस कृति में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि कवि ने मनोद्वेगों का उदात्तीकरण, कर्म, गति, योग की सूक्ष्मताओं का विश्लेषण करने का गम्भीर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस कृति के दोहों में सृजेता की मौलिक सोच तर्कशक्ति एवं विचारशीलता प्रकट होती है तथा सतसई परम्परा में ‘अरूण सतसई’ अनूठी पहचान के लिए पाठकों को नई राहत प्रदान करती है। प्रो. ए.डी.एन. बाजपेयी ने इस अवसर पर कहा कि यह पुस्तक लगभग तीन दशकों की साधना का प्रतिफल है क्योंकि उन्होंने वर्ष 1984 से इसे लिखना आरम्भ किया। उन्हांेने कहा कि अरूण सतसई का केन्द्र-स्वर दर्शन है। उन्होंने कहा कि रचना मंे भवभूति, भास, भारवी, कालिदास, केशव, रहीम, रसखान, बिहारी, कबीर, तुलसी, मीरा प्रभृत्ति का प्रासंगिक विवेचन हुआ है, जिसमें भौतिकवादिता, मुद्रा, राजनीति, शहरी-ग्राम्य संस्कृति का भी समावेश है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हिन्दी विभाग के प्रमुख प्रो. सरस्वती भल्ला ने पुस्तक में लिखे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। ए.पी.एम.सी. के सलाहकार श्री देवेन्द्र श्याम, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के निदेशक श्री देवेन्द्र गुप्ता, डी. आॅफ स्टडीज प्रो. सुरेश कुमार, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के रजिस्ट्रार श्री मोहन झालटा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के डीन, निदेशक एवं अध्यक्ष, प्रख्यात लेखक डा. ओम प्रकाश सारस्वत, श्री इन्द्र सिंह ठाकुर तथा प्रो. आर्यन मैहता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here