अगर पूजा में चढ़ाया गया नारियल खराब निकलता है तो इसे बहुत शुभ माना गया है और इसका एक खास कारण है।नारियल फोड़ते समय अगर वह सूखा हुआ निकल जाए तो इसका अर्थ यह है कि भगवान द्वारा नारियल का प्रसाद कुबूल कर लिया गया है, इसलिए वह नारियल सूख चुका है। यह आपकी मनोकामना पूर्ण होने के भी संकेत देता है। इस समय अपके दिल में जो भी इच्छाएं होंगी, ईश्वर वह अवश्य पूरी करने वाले हैं।वहीं अगर आपका नारियल सही निकला है, उसमें कोई खराबी नहीं है तो आपको वह नारियल प्रसाद के तौर पर सभी के बीच बांट देना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना गया है।
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ और अन्य कर्मकांडों का विशेष महत्व है, साथ ही इनसे जुड़ी मन्यताएं भी मानव मस्तिष्क को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। पूजा के दौरान घटित होने वाली शुभ घटनाएं तो भले ही किसी की नजर में आएं या ना आएं, लेकिन अगर कुछ ऐसा घटित हो जाए जो सही नहीं है तो मन में वहम जरूर आ जाता है।उदाहरण के तौर पर पूजा के दौरान अगर दीया बुझ जाए तो इसे एक बड़ा अपशकुन माना जाता है, पूजा का सामान टूट जाए या हाथ से गिर जाए तो इसे भी अच्छा नहीं माना जाता। इसके अलावा एक और चीज है जिसपर भले ही कम लोगों का ध्यान गया हो लेकिन यह वाकई बहुत अहमीयत रखती है।
भारत में देवी देवताओं की मूर्ति के सामने नारियल फोडऩे का रिवाज काफी पुराना है। हिंदू धर्म के ज्यादातर धार्मिक संस्कारों में नारियल का विशेष महत्व है। कोई भी व्यक्ति जब अपना नया व्यवसाय शुरू करता है तो वह मूर्ति के सामने नारियल फोड़ता है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या फिर कोई महत्वपूर्ण पूजा, पूजा की सामग्री में नारियल आवश्यक रूप से रहता है।
नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है। श्रीफल यानी भगवान का फल। तो ऐसे में नारियल आवश्यक रूप से भागवान का फल बन जाता है। नारियल फोडऩे का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं।माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।
नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है|मंदिरों में नारियल चढ़ाया जाता है और शास्त्रों के अनुसार यह केवल पुरुष ही चढ़ा सकते हैं। नारियल को गर्भ से जोड़ा गया है इसलिए स्त्रियों के द्वारा इसे फोड़ना वर्जित है। नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना गया है इसलिए विशेषकर लक्ष्मी पूजा के दौरान नारियल चढ़ाना आवश्यक माना जाता है। अकसर लोग ये मानते हैं कि अगर पूजा में चढ़ाया गया नारियल खराब निकल गया है तो यह अशुभ संकेत है, यह दर्शाता है कि ईश्वर आपसे नाराज है। लेकिन सच इसके ठीक विपरीत है। PLC.