भोपाल. अगस्त महीने में झमाझम बारिश (Rain) ने इस बार पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को तरबतर कर दिया है. दो से तीन सिस्टम के दो बार सक्रिय होने के चलते प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है. 31 जिलों में बारिश का आंकड़ा अभी भी सामान्य है. तो 31 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है. अगस्त महीने में झमाझम बारिश की झड़ी से प्रदेश भर में 33.74 इंच औसत बारिश दर्ज हुई है तो सामान्य बारिश का रिकॉर्ड 29.55 इंच का है. प्रदेश में 14% सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है.मध्य प्रदेश के देवास, सीहोर, इंदौर, भोपाल व छिंदवाड़ा जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है. मानसून 20 सितंबर तक सक्रिय रहने के आसार हैं. मौसम विभाग के जानकारों की मानें तो अगर सितंबर महीने में 1 दिन भी बारिश न हो तो भी प्रदेश में इस साल पानी की कमी होने की आशंका नहीं है.
आज से मिलेगी थोड़ी राहत
मौसम विभाग का कहना है कि ईस्ट राजस्थान की तरफ सिस्टम बढ़ गया है, जो बेस्ट एमपी के कुछ भाग में है. अति कम दबाव का क्षेत्र भी कुछ कमजोर हुआ है. इसीलिए बारिश का प्रभाव कुछ काम रहेगा, लोकल सिस्टम के कारण हल्की बारिश की संभावना रहेगी.
मध्यप्रदेश में यह नदियां उफान पर
प्रदेश में लगातार दो दिनों से हुई झमाझम बारिश से प्रदेश भर में शिवना,काली सिंध नदी,शिप्रा नदी, चंबल नदी, ताप्ती नदी, पार्वती,बेतवा, नदी, नर्मदा और वैनगंगा नदी, कोलांस नदी उफान पर है. नदियों और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण ही बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. डेम में जलस्तर अभी खतरे के निशान से ऊपर है. इटारसी में तवा डैम के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं. बड़वानी में नर्मदा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से ऊपर है. देवास में जलस्तर खतरे के निशान से 22 फीट ऊपर है. अशोकनगर में बेतवा की बाढ़ से 8000 बीघा की फसल बर्बाद हो गई है.. ताप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से 89 मीटर ऊपर है. ओंकारेश्वर में नर्मदा 4 मीटर ऊपर बह रही है. ताप्ती चंबल का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.