नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी कलह को खत्म करने के लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को बैठक करने जा रहे हैं. गांधी के आवास पर होने वाली इस मीटिंग में राज्य के विधायक शामिल होंगे. कुछ हफ्तों पहले ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से तैयार की गई तीन सदस्यीय समिति ने पार्टी के अंदर जारी विवाद के संबंध में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को रिपोर्ट सौंपी थी. साथ ही राज्य में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में दो विधायकों के बेटों को नौकरी दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.
इससे पहले पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं. बुधवार को जाखड़ ने कहा था कि मौजूद हालात को जल्द ही सुधार लिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कुछ गलत लोग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सलाह दे रहे हैं, जिसके चलते यह फैसला लिया गया.
राहुल से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जारी हालात जल्द ही सुलझ जाएंगे. कुछ गलत लोग इस फैसले पर सीएम को सलाह दे रहे हैं.’ राज्य में कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम सिंह के बीच तनाव का दौर जारी है. दोनों नेता खुलकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. सिद्धू समेत कांग्रेस के कई विधायक और नेता सीएम पर बेअदबी मामले और कोटकपूरा गोलीकांड पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगा रहे हैं.
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी और तीन सदस्यीय कमेट में शामिल हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि सौंपी गई रिपोर्ट पर 8-10 जुलाई तक जवाब आ जाएगा. उन्होंने जानकारी दी है कि सिद्धू को अपने बयान दर्ज कराने के लिए पैनल की तरफ से बुलाया जाएगा. सोनिया गांधी ने राज्य में जारी विवाद को खत्म करने के लिए पैनल तैयार की थी. इसमें हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल शामिल थे.
साल 2022 में पंजाब भी विधानसभा चुनाव के दौर से गुजरेगा. जानकारों की मानें तो चुनाव के कुछ महीनों पहले शुरू हुई कलह कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. इसके अलावा पंजाब उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां पार्टी की सत्ता है. कहा जा रहा है कि इस विवाद का असर पंजाब के बाहर अन्य राज्यों पर भी पड़ सकता है. PLC.