आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर ,
सरकारी पक्ष एवं विपक्ष में यूं तो सैद्धांतिक और राजनीतिक आलोचना लोकतंत्र का एक आभूषण है और होना भी चाहिए मगर जब विपक्ष सिर्फ और सिर्फ आलोचनाओं की ठुमरी गाने एवं राग अलापने में लिप्त हो तो सवाल उठता है कि लोकतंत्र की दहलीज पर हम शहर के विकास की यथार्थता के लिए क्या गुल खिला रहे हैं ? देश के प्रधानमंत्री ने देश की सर्वांगीण स्वच्छता के लिए एक मिशन प्रारंभ किया था। यूं तो यह मिशन दुनियां के देशों एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा प्रशंसा पाने में सफल रहा और भारत के जनमानस के पटल एवं धरातल पर यह कई परिवर्तन एवं ऐतिहासिक सुविधा दिलाने वाला एक सफलतम कार्यक्रम बन गया है मगर विपक्ष है कि मानता नहीं । चाहे कुछ भी हो, कितने भी अच्छे कार्यक्रम सरकार क्यों न करे, हम हैं कि या तो गड्ढों के साथ ईलू ईलू खेलेंगे और या फिर सरकार के हर कार्यक्रम को फेल करके रहेंगे। क्योंकि यही उनका लोकतांत्रिक विपक्षी धर्म है। आज राजस्थान की राजधानी जयपुर और उसका सबसे पौश कॉलोनी कहा जाने वाला वैशाली नगर गड्ढों में हिचकोले खाते हुए यत्र तत्र सर्वत्र गाड़ियों और गड्ढों का मेल मिलाप करवाते हुए नाटकीय समागम करवा रहा है। ऐसा ही एक समागम आज भारत के प्रख्यात सूचना तकनीकी विशेषज्ञ पवन झा के साथ तब हुआ जब वे वैशाली नगर में अपनी कार समेत गड्ढों के साथ मुलाकात कर बैठे। यह तो अभी अज्ञात है कि उनकी कार गड्ढे में कैसे उतरी या गड्ढा स्वयं कार से मुलाकात करने के लिए आगे बढ़ा!
स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा ने बताया कि आखिर हम किधर जा रहे हैं?इस घटना का वर्चुअल अवलोकन करने के बाद उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा –
“गिरी है आज गड्ढों में इस राजनीति की कश्ती, इसे मिलता है जाकर कब किनारा देखना यह है”!