Tag: साहित्य संसार
आयुष झा आस्तीक की पाँच कविताएँ
आयुष झा आस्तीक की पाँच कविताएँ(1) शिकारी और शिकार
________________पश्चिमी तट आशंका से
पूर्वी तट संभावना तक
बहने वाली नदी में
परिस्थितीयों के
असंख्य मगरमच्छ ।
संभावना यह है कि
नदी के...
अमित बैजनाथ गर्ग की कविताएँ
अमित बैजनाथ गर्ग की कविताएँ जिंदगी मेरी वैसे काम आए
जैसे एक 'औरत' की आती है
और मिटे तो हीना की मानिंद
जो पिसकर भी निखर जाती है...
- अमित...
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : सुश्री पारुल रस्तोगी प्रकृतिवादी कवयित्री हैं परन्तु अतिवादी नहीं . इनकी रचनाओं में प्रवाह...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ राजकुमार धर द्विवेदी की टिप्पणी : देश के मशहूर आलोचक नामवर सिंह ने एक बार कहा था -'बढ़ते हुए पेड़ को...
जयश्री रॉय की लघु कथा अग्नि परीक्षा
जयश्री रॉय लघु कथा अग्नि परीक्षा- अग्नि परीक्षा -
“क्या शादी से पहले दुल्हन की किसी के साथ आशनाई?” सुन कर दुल्हा तप करअंगार बन...
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंद
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंदस्नेहलता बोस की टिप्पणी : ताटंक छंद पर दो शब्द
कविता में छंदों का बड़ा ही महत्त्व है। नई कवित्ता, अकविता...
तपेश शर्मा की तीन कविताएँ
तपेश शर्मा की तीन कविताएँ1. उम्मीद करता हूँ !
जिस बच्चे ने पिछले साल ,
हर दिन बिना कचरा ,
उम्मीद करता हूँ उसका नया साल हो...
राजकुमार धर द्विवेदी ‘विद्रोही’ की कलम से : ग़ज़ल , आल्हा छंद ...
राजकुमार धर द्विवेदी 'विद्रोही' की कलम से : ग़ज़ल , आल्हा छंद व् दोहेराजकुमार धर द्विवेदी 'विद्रोही' के " आल्हा छंद "ललित मानिकपुरी जी...
जयश्री रॉय की कहानी “अपना दर्द “
जयश्री रॉय की कहानी "अपना दर्द "अपना दर्द
धूल, धुंये से ढंके क्षितिज पर उस कनेरिया लपलपाहट को देख कर गोरा स्वयं को रोक नहीं...
कमल जीत चौधरी की पांच कविताएँ
कमल जीत चौधरी की पांच कविताएँ 1.वे लोग
वे लोग
घर में तैरती
मछलियाँ दिखाकर
डल झील सत्यापित करवाना चाहते हैं -
बर्फ को डिब्बों में बंद करके
वे आग लगाना...