Tag: आयुष झा आस्तीक की चिन्ता और चिन्तन व् अन्य चार कविताएँ
आयुष झा आस्तीक की चिन्ता और चिन्तन व् अन्य चार कविताएँ
कविताएँ1. बिलाने लगा है नींद का लोटा
रात के कुंआ से
बिलाने लगा है नींद का लोटा...
जबसे यक़ीन की गाछि से
खसा है हमारे प्रेम का खोता...
चिरई!
अरी...