Tag: अन्ना की अपनी सीमितताएँ हैं – उनकी अपनी कोई सोच या कोई स्पष्ट -विजन नहीं है
रेल बजट पर आलोक कुमार का व्यंग्य : सिर्फ ‘उम्मीदों’ से ही...
रेल पर व्यंग्य : सिर्फ 'उम्मीदों' से ही लबरेज लोकतन्त्र में रेल बजट से 'हमने' भी उम्मीदें लगा रखी हैं.....- आलोक कुमार -
अब से थोड़ी...





