Tag: writer nirmal rani
धर्मनिरपेक्षता,उदारवाद हमारा राष्ट्रीय स्वभाव
- निर्मल रानी -
आजकल यदि आप टेलीविज़न पर समाचार सुनने बैठें या समाचार पत्रों-पत्रिकाओं पर नज़र डालें तो एक बार तो ऐसा प्रतीत होगा...
शराब: प्रतिबंध ज़रूरी या शासकीय संरक्षण ?
- निर्मल रानी -शराब एक ऐसा नशीला पेय पदार्थ है जिसकी संभवत: कोई भी व्यक्ति यहां तक कि इसका सेवन करने वाले लोग भी...
भ्रष्टाचार की गंगा को प्रवाह देने वालों से सावधान
-निर्मल रानी-
सांप्रदायिकता तथा जातिवाद की ही तरह भ्रष्टाचार भी देश के विकास में एक बड़ा रोड़ा साबित होता आ रहा है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था...
क्या यही है ‘सबका साथ-सबका विकास’ की परिभाषा?
-निर्मल रानी-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता के मध्य बार-बार दिया जाने वाला नारा- 'सबका साथ सबका विकास निश्चित रूप से अत्यंत लोकप्रिय...
धर्म का ‘केंचुल’ लपेटे वासना के भूखे भेडिये
-निर्मल रानी-
दुनिया के कई देश भारतवर्ष को विश्व की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में आंकते हैं तो कई देशों की नजरों में...
उज्जैन महाकुंभ: राजनैतिक आयोजन या धार्मिक ?
-निर्मल रानी-वैसे तो कुंभ व महाकुंभ जैसे विशाल संतों व भक्तों के समागम में विभिन्न राजनैतिक दलों के नेतओं का आना-जाना तथा मीडिया द्वारा...
खाताधारकों से हो रही ठगी के ज़िम्मेदार बैंक क्यों नहीं?
-निर्मल रानी-
जहां एक ओर सरकार द्वारा नागरिकों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाता है कि वे अपना धन संग्रह बैंकों अथवा डाकघरों...
जनता का सरोकार योजनाओं से कम, चुनावी वादों से अधिक
- निर्मल रानी -देश की जनता को सब्ज बाग दिखाकर व यूपीए सरकार की नाकामियों की पीठ पर सवार होकर केंद्रीय सत्ता संभालने वाली...
कन्हैया पर हो रहे हमलों का औचित्य ?
- निर्मल रानी -
दिल्ली के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार का नाम देश के अब...
कृषि प्रधान देश’ में गहराता जल संकट
- निर्मल रानी -
हालांकि हमारे देश के कुछ राज्यों के कुछ इलाके सूखे जैसी प्राकृतिक विपदा का सामना हमेशा से ही करते रहे हैं।...