Tag: vandana gupta
वन्दना गुप्ता की कविता – तपती रेत का रेगिस्तान हूँ मैं
तुम और तुम्हारे लाजिक
समझ नहीं आते कभी कभी
कितना हल्के में लेते हो
कभी कभी चीज़ों को
खासतौर पर यदि
वो तुमने किया हो
सिर्फ़ एक इतना भर कह...
वन्दना गुप्ता की कविता – बेबाक महिला
सुनो
मत खाना तरस मुझ पर
नहीं करना मेरे हक़ की बात
न चाहिए कोई आरक्षण
नहीं चाहिए कोई सीट बस ,ट्रेन या सफ़र में
मैंने तुमसे कब ये...