Tag: sanjay kumar azad
नोटबंदी और GST के दुखद व् सुखद परिणाम
- संजय कु.आज़ाद - भारतीय राजीनीति की अजीब विडंबना है. आज के नेता मैकियावेली के अनुआइ और आत्ममुग्ध है,उन्हें चमचागिरी प्राणों से प्यारा है.और खुद...
योग दिवस – हंगामा क्यूँ हैं बरपा
- संजय कुमार आजाद -योगश्चित वृतिनिरोध: यानी चित्त वृतिओं को रोकना ही योग है फिर इसे धर्म की घोल में कैसे समेटा जा सकता...
फास्ट फ़ूड मौत का वाहक
- संजय कुमार आज़ाद -
साल 2012 के 1 अक्तूबर को नवभारत टाइम्स ने एक कार्टून...
सूटकेश के साए से निकलता देश
-संजय कुमार आजाद -
महान क्रांतिकारी देशभक्त वीर सावरकर ने कहा था –“ बिना युद्ध के स्वातंत्र्य एकाएक प्राप्त नही होता,परन्तु यह भी सच है...
गरीबी , भुखमरी ,भर्ष्टाचार और नक्सल उग्रवाद से त्रस्त झारखंड के दिन बहुरेंगे?
{ संजय कुमार आजाद } भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में छोटे राज्यों की कल्पना साकार इसलिए हो पाई थी की इससे लोगो का जीवनस्तर...
समलैंगिकता सामाजिक पतन का सहयात्री
{ संजय कुमार आजाद ** }
भारतीय समाज में नैतिकता का अतिविषिष्ट स्थान चिरन्तर से रहा है। जियो और जीने दो का भाव लिए यह...
सरकार की साम्प्रदायिक सोच का प्रतिक विधेयक *
{ संजय कुमार आजाद **}
मुन्नबर राणा की एक प्रसिद्ध गज़ल है-" अजब दुनियां है, नाषायर यहां पर सर उठाते हैं।
जो शायर...
वंषवाद का पप्पु नहीं राष्ट्रवाद का पौरूष की जरूरत
{संजय कुमार आजाद**} तथागत बुद्ध के जीवन से जुड़ी एक घटना है। एक षिष्य धर्मप्रचार के लिए किसी गांव में जाना...
चीन विष्वास के लायक नहीं
{संजय कुमार आजाद**,,}विष्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देष एक दूसरे के पड़ोसी होते हुए भी मीलों दूर रहते आ रहें है। दोनों हीं...
‘‘नमो-निया से ग्रसित सेक्युलर गिरोह’’
{संजय कुमार आजाद**,,}
आजकल भारतवर्ष के तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग अवचेतन अवस्था में चले गए हैं । ऐसा ‘नमो-निया’ पकड़ा है जिससे इन गिरोहों के दिल...