Tag: poem of veeru sonkar
वीरू सोनकर की कविताएँ
वीरू सोनकर की कविताएँ 1
वह नुकीली नोंक पर सधा रहेगा
और नृत्य करेगा
अपने पैरो को नश्वरवाद रटाते हुए कहेगा,
न पैर रहेगा एक दिन
और न ही मैं
न...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ1) एक सपना
जैसे
चीनी बच्चों को
लंबे होने के सपने नहीं आते,
और जापानी बच्चों को
अब परमाणु हमले की चिंता नहीं सताती,
जैसे एक...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ राजकुमार धर द्विवेदी की टिप्पणी : देश के मशहूर आलोचक नामवर सिंह ने एक बार कहा था -'बढ़ते हुए पेड़ को...