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दोहे रमेश के होली पर
दोहे दिखे नहीं वो चाव अब, .....रहा नहीं उत्साह !
तकते थे मिलकर सभी, जब फागुन की राह !!होली है नजदीक ही, बीत रहा है फाग...
दोहे रमेश के
दोहे पेंडिंग हों जहँ रेप के, . केस करोड़ों यार !
तहँ रमेश महिला दिवस, लगता है बेकार !!कहने को महिला दिवस, सभी मनाएं आज।
नारी की...
दोहे रमेश के, मकर संक्राँति पर
दोहे मकर राशि पर सूर्य जब, आ जाते है आज !
उत्तरायणी पर्व का,........हो जाता आगाज !!कनकअौं की आपने,ऐसी भरी उड़ान !
आसमान मे हो गये...
रमेश के दोहे नववर्ष पर
-------- दोहे ---------- पन्नो मे इतिहास के, लिखा स्वयं का नाम !
दो हजार पंद्रह चला,.....यादें छोड तमाम !!दो हजार पंद्रह चला, छोड सभी का साथ...
दोहे रमेश के दिवाली पर
दोहे सर पर है दीपावली, सजे हुवे बाज़ार !
मांगे बच्चो की कई ,मगर जेब लाचार!!बच्चों की फरमाइशें, लगे टूटने ख्वाब !
फुलझडियों के दाम भी,वाजिब नहीं...
रमेश के दोहे
रमेश के दोहेनये दुखों ने भर दिये,.....पिछले सारे घाव !
इसी भांति चलती रही,जीवन की यह नाव !!कोलतार सीमेंट के,.जहां बिछे हों जाल !
हरियाली कैसे...