Tag: Dr. Bhupendra Singh Gargvanshi
व्यंग – : मोबाइल कम्पनियों के इत्ते ज्यादा अपने मिनट क्यों…?
अमाँ मियाँ कलमघसीट मोबाइल कम्पनियों पर कन्ट्रोल नहीं लगता क्या? आज सुलेमान भाई का चेहरा तमतमाया लग रहा था। मैंने उन्हें बैठने का इशारा...
क्या मेरे साथ आप भी ‘हड़ताल-हड़ताल’ खेल खेलेंगे?*
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी**
अब तो मेरा भी मन करता है कि हड़ताल-हड़ताल खेलें। गाँधी बाबा का जमाना नहीं है कि सत्याग्रह से फिरंगी भगाए...