Tag: Bhupendra Singh Gargvanshi
जब वी मेट
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
पाठको! मुझे ऐसे लोग (स्त्री-पुरूष) पसन्द हैं जिनके शरीर में माँस हो- यानि स्वस्थ लोग। कृपया यह मत समझिए कि...
नजरिया: मोदी और केजरीवाल के प्रति
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
मुहब्बत करेगी असर धीरे-धीरे। जी हाँ थोड़ा सब्र करिए जल्दबाजी से कोई परिणाम नहीं मिलने वाला। जब अच्छे दिनों के...
नारी-अस्मिता और वोट बैंक
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
कौन कहता है कि महिलाएँ सशक्त नहीं हैं। मेरा अपना मानना है कि आदिकाल से ही महिलाओं की ही चलती...
वर्ल्ड कप 2015 सेमीफाइनल : इस हार पर सवाल तो बनता ही हैं !
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
यह पहला अवसर नहीं है जब देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को ‘टीम इण्डिया’ के स्टार क्रिकेटर्स ने निराश किया...
प्रेस फोटोग्राफर बनना एक बड़ी उपलब्धि
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी - मैं सलाह देना चाहूँगा कि यदि आप थोड़ा बहुत साक्षर और बेरोजगार हों और समाज में एक शिक्षित एवं सम्मानित...
एंड्रॉयड/स्मार्ट फोन या ‘बेकिंग बाउल’ (भिक्षा-पात्र)
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
अब तो यह सिद्ध हो गया है कि हम वाकई पिछड़े हैं। लोग 21वीं सदी की हाईटेक सिस्टम से हर...
व्यंग्य : सबकी ‘होली’ एक दिन, अपनी ‘होली’ सब दिन
सबकी ‘होली’ एक दिन, अपनी ‘होली’ सब दिन- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
मुझे बहुत अजीब सा लगता है, जब हास्य-व्यंग्य शैली में लिखने वाले...
तौबा करिए ऐसे छपास रोगियों से
- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
आप लेखक, विचारक पत्रकार रिपोर्टर हैं। आप को छपास रोग है, अपने ऊल-जुलूल आलेख एक साथ चार-पाँच सौ लोगों...
एक पत्रकार का जन्मदिन
मेरा जन्मदिन: हैप्पी बर्थडे टू मी{ डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी } मेरे...
ऐसे में कैसे बन पाऊँगा बेहूदा…?
{ डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी } सुर्खियों में रहने के लिए कुछ अनाप-शनाप करना पड़ता है। कभी जुबान फिसलाना पड़ता है तो कभी दुष्कर्म...