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30 जनवरी: गांधी पुण्य तिथि पर विशेष : कितना व्यावहारिक गांधी विचार ?
- अरुण तिवारी -कहने को 21वीं सदी, नई तकनीकी की युवा सदी है; एक ऐसी सदी, जब सारी दुनिया डिजीटल घोङों पर सवारी करने
को...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : दूसरा कथन
- अरुण तिवारी -’क्या मैं भागीरथी का सच्चा बेटा हूं ?’: स्वामी सानंदप्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण...
25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विशेष – सिर्फ मतदान नहीं, मतदाता की...
- अरुण तिवारी -एक वोट ने फ्रांस में लोकतांत्रिक सरकार का रास्ता प्रशस्त किया; एक वोट के कारण ही जर्मनी.. नाजी हिटलर के हवाले...
बिटिया दीप बने तो कैसे ? – 24 जनवरी : राष्ट्रीय बालिका दिवस...
- अरुण तिवारी - श्वेत-श्याम दुई पाटन बीच - बालिका सशक्तिकरणकथाकार उर्मिला शिरीष की एक कहानी है - ’जंगल की राजकुमारियां’। कहानी में नन्ही बुलबुल और...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : प्रथम कथन
- अरुण तिवारी -
सन्यासी बाना धारण कर प्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण हासिल गंगापुत्र का संकल्प किसी...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : एक परिचय
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद’ श्रृंखला का शुभारंभ और टीम INVC NEWSसन्यासी बाना धारण कर प्रो जी डी अग्रवाल से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का...
युवा वही, जो बदले दुनिया : 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष
- अरुण तिवारी -यौवन तन नहीं, मन की अवस्था है। हां! तन की भिन्न अवस्थाये,ं मन की इस अवस्था को प्रभावित जरूर करती हैं।...
बदलती आबोहवा: क्यों चिंतित हो भारत ?
- अरुण तिवारी -
क्या जलवायु परिवर्तन का मसला इतना सहज है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने मात्र से काम चल जायेगा या पृथ्वी पर...
कारसेवा का करिश्मा निर्मल कालीबेंई
-अरुण तिवारी -
होशियारपुर के धनोआ गांव से निकलकर कपूरथला तक जाती है 160 किमी लंबी कालीबंेई। इसेे कालीबेरी भी कहते हैं। कुछ खनिज के...
लम्बी कविता : कवि अरुण तिवारी
लम्बी कविताअन्धकार की बातें करते बीत गए यूँ साल भतेरे
अन्धकार की बातें करते
बीत गए यूँ साल भतेरे
तुमने जाने क्या सोचा है
मैंने तो बस यह...