Tag: स्नेहलता बोस की टिप्पणी
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तक
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तकबातें करता गांव-गली की, अमराई , खलिहान की,
गेहूं, सरसों, चना, मटर की, अरहर, कुटकी, धान की।
नेताओं के कपट, छलावे, लिखता दर्द...
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंद
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंदस्नेहलता बोस की टिप्पणी : ताटंक छंद पर दो शब्द
कविता में छंदों का बड़ा ही महत्त्व है। नई कवित्ता, अकविता...
शिव कुमार झा टिल्लू की 15 कविताएँ
शिव कुमार झा टिल्लू की 15 कविताएँ
* स्नेहलता बोस की टिप्पणी : प्रतिभा उम्र और किसी बंधन के मोहताज़ नहीं होते ,इस सहज कथन को...