Tag: सुनील दत्ता लेखक
कब तलक लुटते रहेगे लोग मेरे गाँव के ?
- सुनील दत्ता -
1757 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का राज स्थापित होने के बाद से कम्पनी की टैक्स उगाही व राजस्व प्राप्ति का सबसे बड़ा...
देश का विकास और स्वतंत्रता का सवाल ?
- सुनील दत्ता -आमतौर पर देश के आधुनिक विकास को 1947 में ब्रिटिश राज से मिली स्वतंत्रता का परिणाम मान लिया जाता है |...
राष्ट्रीय संस्कृति का प्रश्न ?
- सुनील दत्ता -
संस्कृति का मतलब मोटे तौर पर जीवन शैली से है | राष्ट्र संस्कृति का मतलब राष्ट्र के लोगो का रहन -...
सन्यासी विद्रोह और उसके सबक : 1763—- 1800
- सुनील दत्ता -क्या आज के सन्यासी , फकीर , महात्मा , धर्मगुरु व धार्मिक नेता सन्यासी विद्रोह के शहीदों व फकीरों से प्रेरणा...
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग चार
1947 स्वतंत्रता की असलियत - सुनील दत्ता -
भाग तीन इण्डिया इन्डिपेंड्स एक्ट की धाराओं का सवाल है तो उसके अंतर्गत इस देश को दो अधिराज्यो...
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग तीन
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग तीन- सुनील दत्ता -
इण्डिया इन्डिपेंड्स एक्ट की धाराओं का सवाल है तो उसके अंतर्गत इस देश को दो...
1947 – स्वतंत्रता की असलियत – भाग – 2
1947 - स्वतंत्रता की असलियत - सुनील दत्ता -राष्ट्र की औपनिवेशिक गुलामी से स्वतंत्रता का बुनियादी सवाल वस्तुत: औपनिवेशिक सम्बन्धो से मुक्ति का सवाल है...
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग -1
1947 स्वतंत्रता की असलियत - सुनील दत्ता -प्रस्तावना ----
1947 के की स्वतंत्रता के सन्दर्भ में देश की आम जनता मुख्यत: यही बात जानती है कि...