Tag: साहित्य संसार
सुशांत सुप्रिय की हे राम और अन्य चार कविताएँ
कविताएँ 1. हे राम !
उनके चेहरों पर लिखी थी
' भूख '
उनकी आँखों में लिखे थे
' आँसू '
उनके मन में लिखा था
' अभाव '
उनकी काया पर...
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की कविताएँ
कविताएँ........ द्रोणाचार्य
तुम्हीं ने-
‘अर्जुन’ को सर्वश्रेष्ठ ‘धनुर्धर’
की संज्ञा दी थी
और
‘एकलब्य’ का अंगूठा मांगकर
अपनी जीत
सुनिश्चित किया था।
तुम-
आज के परिवेश में भी
ठीक उसी तरह हो
जैसे-
द्वापर में ‘महाभारत’...
मणि मोहन की कविताएँ
कविताएँ1- घास बेचती औरत
रात के आठ बज चुके हैं
घास बेच रही है एक औरत
गाँधी चौक में
एक छोटा बच्चा
बैठा हुआ है उसकी गोद में
बछ्ड़े की...
सीमा अग्रवाल की कहानी : साँवली
कहानी ----- " साँवली " सांवली की बड़ी-बड़ी आँखें आश्चर्य से और बड़ी हो पूरे कमरे का मुआयना कर रहीं थीं .एक जगह बैठे -बैठे ही...
दिव्या शुक्ला की रचनाएँ
1- धुल गए सब सुख सिंदूर के साथ ही
ये किसने सांकल खटखटाई
शायेद कोई अपना हो
दौड कर खोला द्वार परंतु
मतिभ्रम -है सब अपने तो
तभी हुए...
महेन्द्र भीष्म की कहानी ” स्त्री ”
- स्त्री -अभी पिछले वर्ष की ही तो बात है। महरी रामदई ने राम को प्यारी होने से कुछ माह पूर्व अपनी ब्याहता बेटी...
सीमा अग्रवाल के गीत
सीमा अग्रवाल के गीत 1..तुम चिंतन के शिखर चढ़ो ..........
तुम पन्नों पर सजे रहो
हम अधरों अधरों
बिखरेंगे
तुम बन ठन कर
घर में बैठो
हम सडकों से बात करें
तुम...
जयश्री रॉय की कहानी : खंडित आस्था
खंडित आस्था - जयश्री रॉय -मधु ने उसके सामने गर्म कांजी की थाली रखी थी, “मुंह में कुछ दे रूपा, उस नन्ही सी जान के...
जयश्री रॉय की कहानी : प्रायश्चित
- प्रायश्चित -
जंगल में जगह-जगह लगी भट्टियों में बनती शराब की गंध से ग्रीष्म ऋतु की संध्या मदिर हो उठी है। वर्ष के...
डॉ राजीव राज की कविताएँ
कविताएँ1 सब जले
आचार जले सुविचार जले।
मानवी लोक व्यवहार जले।
हर चौखट पर लपटंे लिपटीं,
अवतारों के दरबार जले।
परिवर्तन की तोड़ खुमारी जाग बाबरे जाग।
आग लगी है...