Tag: साहित्य का इतिहास
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तक
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तकबातें करता गांव-गली की, अमराई , खलिहान की,
गेहूं, सरसों, चना, मटर की, अरहर, कुटकी, धान की।
नेताओं के कपट, छलावे, लिखता दर्द...
श्वेता मिश्र की कहानी : अधूरे ख़्वाब
श्वेता मिश्र की कहानी : अधूरे ख़्वाब______अधूरे ख़्वाब _______________
इंडियन ??
एफ्फिल टावर को निहारती नज़रें पर खुद में ही खोयी हुई हाथों में पेन और...
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंद
राजकुमार धर द्विवेदी के ताटंक छंदस्नेहलता बोस की टिप्पणी : ताटंक छंद पर दो शब्द
कविता में छंदों का बड़ा ही महत्त्व है। नई कवित्ता, अकविता...
प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ
प्रोमिला क़ाज़ी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : प्रोमिला क़ाज़ी हिन्दी साहित्य जगत की रास चर्चित कवयित्री हैं. इनके काव्य विग्रह और...
तपेश शर्मा की तीन कविताएँ
तपेश शर्मा की तीन कविताएँ1. उम्मीद करता हूँ !
जिस बच्चे ने पिछले साल ,
हर दिन बिना कचरा ,
उम्मीद करता हूँ उसका नया साल हो...
तपेश शर्मा की कविता
तपेश शर्मा की कविता हाथ से बुनि स्वेटर
अरे उसके बदन पर वो हाथ से बुनि
पीली स्वेटर है ना ?
वो आदमी कितना भाग्यशाली है
उसकी पत्नी या...
प्रेमचंद गांधी की कविताएँ
प्रेमचंद गांधी की कविताएँनित्यानन्द गायेन की टिप्पणी : प्रेमचंद गांधी हमारे समय के उन कवियों में हैं जिनकी पहचान उनकी रचनाओं से होती है। जीवन...
स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ
स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ डॉ शेफालिका वर्मा की टिप्पणी : चलंत पद्यों और गीतों की अमावसी शस्य गहन उद्बोधन तले दब रही गंभीर काव्यों की...
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ 1. निशान
पतीले में आग पर रखा दूध
ले रहा था उबाल पर उबाल
क्षण भर को फिसलती नज़र
और एक उबाल ...बिखर गया दूध
ह्रदय...
पंकज त्रिवेदी का संस्मरण : मेरी पैदल यात्रा
पंकज त्रिवेदी का संस्मरण : मेरी पैदल यात्रा- मेरी पैदल यात्रा -
पैदल ही नीकल गया....काली सडकों को चीरता हुआ मैं उन गाँव के कच्चे...