Tag: संतों का चोला-असंतों के बोल ? संतों का चोला-असंतों के बोल ?
धुंआ,धर्म और धरती?
- निर्मल रानी -
पूरा विश्व ही नहीं बल्कि संपूर्ण पृथ्वी तथा ब्रह्मांड का एक बड़ा हिस्सा इस समय ग्लोबल वार्मिंग का शिकार है। सहस्त्राब्दियों...
समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न
- निर्मल रानी -
हमारे देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था भी क्या अजीबो – ग़रीब है कि यहां गंदगी फैलाने वालों को तो उच्च जाति...
हक़ीक़त के आईने में:बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान
- निर्मल रानी -
प्रकृति हालांकि अपने समस्त प्राणियों में लिंग के आधार पर संतुलन बनाए रखती है। परंतु मानव जाति ने अपनी बुद्धि तथा...
ज़रूरत, बिहार की छवि सुधारने की
- निर्मल रानी -
बिहार राज्य की गिनती देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य के रूप में की जाती है। प्राचीनकाल में शिक्षा,अध्यात्म तथा शासन...
भूकंप एक – कथन अनेक
- निर्मल रानी -पिछले दिनों नेपाल की राजधानी काठमांडू को केंद्र बनाकर अए प्रलयकारी भूकंप ने एक बार फिर भारी कहर बरपा किया है।...
राजनैतक दलों का हाईकमान कल्चर – ” आप ” को भी चाहिए चापलूस !
- निर्मल रानी -
हाईकमान कल्चर अथवा व्यक्तिगत् नेतृत्व पर आधारित राजनैतक दलों में प्राय: यह देखा गया है कि पार्टी प्रमुखों को शिक्षित,ज्ञानवान,विचारवान अथवा...
संतों का चोला-असंतों के बोल ?
- निर्मल रानी-
भारतवर्ष में साधू व संतो को बेहद आदर-सम्मान व श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है। संतों द्वारा धारण किया जाने वाला...