Tag: संघ विचारक डॉ. सौरभ मालवीय
होली आई रे
- डॉ. सौरभ मालवीय -
फागुन आते ही चहुंओर होली के रंग दिखाई देने लगते हैं. जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होने लगता है.
होली...
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भूमि पर खड़ा होता भारत- भारत बोध पर विशेष लेख
- डॉ. सौरभ मालवीय -यह एक सुखद संयोग है की भारतीय दृष्टि से अब भारत को समझने की कोशिश की जारही है निश्चित ही...
फिर आया वसंत धरती पर
- डॊ. सौरभ मालवीय -आओ आओ कहे वसंत धरती पर, लाओ कुछ गान प्रेमतान
लाओ नवयौवन की उमंग नवप्राण, उत्फुल्ल नई कामनाएं घरती परकालजयी रचनाकार...
स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लें युवा – राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी पर विशेष
- डॉ.सौरभ मालवीय -
युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है. युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं. युवा...
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर विशेष – उदारमना अटल बिहारी...
-डॉ. सौरभ मालवीय -
भारतीय जहां जाता है, वहां लक्ष्मी की साधना में लग जाता है. मगर इस देश में उगते ही ऐसा लगता है...
आधुनिक राष्ट्र निर्माण का अभिनव पहल : स्मार्ट सिटी योजना
- डॉ.सौरभ मालवीय -
किसी भी देश, समाज और राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया के आधारभूत तत्व सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण, वैचारिक स्पष्टता और सांस्कृतिक विकास ही...
मोदी ने बहायी विकास की गंगा
-डॉ. सौरभ मालवीय-
देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को दो वर्ष हो गए हैं। इन दो वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वभर...
विचार कुंभ : परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास
-डॊ. सौरभ मालवीय-
मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान 12 से 14 मई तक निनौरा में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ...
साहित्य और समाज
-डॊ. सौरभ मालवीय - साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है तथा समाज का लेखा-जोखा है. किसी भी राष्ट्र...
आया बैसाखी का पावन पर्व
-डॊं सौरभ मालवीय -
बैसाखी ऋतु आधारित पर्व है. बैसाखी को वैसाखी भी कहा जाता है. पंजाबी में इसे विसाखी कहते हैं. बैसाखी कृषि आधारित...